
NDTV-CSDS Rajasthan Election Opinion Poll: हर 5 साल में सत्ता बदल देने वाले रंगीले राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए रण सज चुका है. भारतीय जनता पार्टी इस बार 'राज' बदलने के लिए नई रणनीति से आगे बढ़ रही है, तो वहीं प्रदेश की कांग्रेस सरकार 'रिवाज' बदलने का नारा बुलंद करती नजर आ रही है. दोनों ही पार्टियों ने इस बार केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को विधानसभा चुनाव में अपना प्रत्याशी बनाकर उतारा है, जिससे प्रदेश में 'खास' नेताओं के 'बागी' होने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस चुनाव दांव को राजस्थान की जनता किस तरह से देख रही है, यही जानने के लिए NDTV-CSDS ने ओपिनियन पोल किया है, जिसमें लोगों ने चौंकाने वाला जवाब दिया है.
कोई मजबूत राय नहीं
24 अक्टूबर से 30 अक्टूबर के बीच राजस्थान की 200 में से 30 विधानसभा सीटों पर किए गए इस सर्वे में हर समाज, वर्ग और जाति के 3032 लोगों को शामिल किया गया है, जिसमें उनसे पूछा गया है कि विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए पार्टियों द्वारा केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को नामांकित करना आपके अनुसार सही है या गलत? लोगों के जवाब के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार की गई है, जिसमें आंकड़ों के आधार आपको जमीनी हकीकत बताने की कोशिश की गई है. इस सर्वे के अनुसार, 29 प्रतिशत लोगों ने केंद्रीय मंत्री/सांसदों को विधानसभा चुनाव लड़ाने के फैसले को सही बताया है. जबकि 23 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जिन्होंने इस फैसले को पूरी तरह से गलत बताया है. वहीं 24 प्रतिशत लोगों का कहना है कि ये पार्टी के ऊपर होता है कि किसे टिकट दिया जाए. शेष बचे 24 प्रतिशत लोगों ने इस सवाल का जवाब देने से साफ इनकार कर दिया. सर्वे के आंकड़े देखें तो पता चलता है कि केंद्र सरकार के मंत्रियों/सांसदों को विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए नामांकित करने पर जनता की कोई मजबूत राय नहीं है.
25 नवंबर को होगी वोटिंग
राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों पर 25 नवंबर को एकसाथ वोटिंग होनी है, जिसका परिणाम 3 दिसंबर को घोषित किया जाना है. बीजेपी ने अभी तक 5 लिस्ट जारी करते 197 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है. पहली लिस्ट में 7 सांसदों को टिकट दिया गया है. वहीं 3 और केंद्रीय मंत्री और सांसदों को टिकट देने की चर्चा हो रही है. इस तरह कांग्रेस ने उम्मीदवारों की 6 सूचियां जारी की हैं, जिसमें 178 नामों का ऐलान किया जा चुका है. उधर, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो और सांसद हनुमान बेनीवाल खुद अपने भाई का टिकट काटकर विधानसभा चुनाव के मैदान में उतर आए हैं. ऐसे में देखना रोचक होगा कि राजस्थान की जनता किसका साथ देगी.
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