
Churu News: राजस्थान के किसान अब धीरे-धीरे जागरूक होने की ओर बढ़ रहे हैं. वे पारंपरिक खेती के साथ-साथ अब मुनाफे वाली खेती में भी हाथ आजमा रहे हैं. इससे किसानों का आर्थिक बोझ कम होने लगा है. राज्य के कई जिलों में ऐसे नवाचारों को होता देखा गया है जिसमें चूरू जिले के किसान एक उदाहरण बनके सामने आए है.
औषधीय पौधों की मांग में बढ़ी तेजी
यहां के किसान अब पारंपरिक खेती के साथ-साथ अधिक मुनाफे वाली खेती भी कर रहे हैं, जिसमें वे ईसबगोल और जीरे जैसे औषधीय पौधों फसलों को ज्यादा तरजीह देते हैं. जिससे चलते जिले में औषधीय पौधों की मांग तेजी से बढ़ रही है.
मुनाफे का फायदा साबितत हो रही है दोनों नावाचार
इस बारे में वहां के किसानों का मानना है कि इसबगोल की खेती उनके लिए अब तक काफी फायदेमंद साबित हुई है. इसकी खेती करके वे आर्थिक रूप से समृद्ध हो रहे हैं. किसानों ने बताया कि इसबगोल और जीरे का बाजार में भाव भी अच्छा मिल रहा है, यानी इस फसल के जरिए ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है. इसी वजह से वे इसबगोल और जीरे की खेती की ओर रुख करने लगे हैं.
कम लागत में मिल रहा है मोटा मुनाफा
किसानों के अनुसार, कम पानी वाले क्षेत्रों में ईसबगोल और जीरे की खेती करके अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. जिले की जलवायु औषधीय गुणों से भरपूर ईसबगोल और जीरे के लिए उपयुक्त है. ईसबगोल के पौधों में रोग लगने की संभावना कम होती है. इन्हें पानी की भी कम जरूरत होती है. अच्छे दाम मिलने के साथ-साथ फसल तैयार करने में भी कम मेहनत लगती है. साथ ही यह कम समय और कम लागत में अधिक आय का जरिया है.
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