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किसानों को फ्री में मिलेगा पानी, बिजली भी बनेगी; राजस्थान की पहली सोलर लिफ्ट सिंचाई परियोजना से बचेंगे करोड़ों रुपये

सोलर लिफ्ट सिंचाई परियोजना में हर दिन 2000 यूनिट की बिजली सोलर प्लांट के माध्यम से बनाई जाएगी. डिंडोली लिफ्ट सिंचाई परियोजना पर दो जगह पर सोलर प्लांट लगाए गए हैं, जिनमें पानी लिफ्टिंग के लिए 167 किलोवाट के 2 सोलर प्लांट बनाए गए हैं.

किसानों को फ्री में मिलेगा पानी, बिजली भी बनेगी; राजस्थान की पहली सोलर लिफ्ट सिंचाई परियोजना से बचेंगे करोड़ों रुपये
राजस्थान की पहली सोलर लिफ्ट सिंचाई परियोजना से बचेंगे करोड़ों रुपये

Rajasthan News: बूंदी जिले के गेंडोली इलाके में स्थित जिले की सबसे बड़ी मेज नदी पर प्रदेश की पहली सोलर लिफ्ट सिंचाई परियोजना का काम लगभग पूरा हो गया है. इसके शुरू होने से किसानों को निःशुल्क पानी मिलेगा. किसानों को पानी देने के साथ-साथ विद्युत विभाग को भी सोलर के माध्यम से विद्युत आपूर्ति भी की जाएगी.  2016 में इस योजना की नींव रखी गई थी, लेकिन ठेकेदार ने किन्ही कारणों के चलते इस कार्य को पूरा नहीं किया. हालांकि, सरकार बदलने के साथ ही इस योजना में तेज गति आई और 8 महीने में करीब 98 फीसदी काम पूरा हो चुका है. फरवरी के पहले सप्ताह में इस योजना के तहत इलाके में टेस्टिंग कर ली जाएगी. यदि टेस्टिंग सफल रहती है तो इसी साल इस योजना का लाभ किसानों को मिलना शुरू हो जाएगा.

7 गांवों की जमीन में होगी सिचाई

योजना के कनिष्ठ अभियंता अक्षय गुर्जर ने बताया कि गैण्डोली लिफ्ट सिंचाई परियोजना लोहली के पास मेज नदी पर निर्माणाधीन है. बूंदी से 40 किमी दूरी पर बूंदी लाखेरी मार्ग पर यह परियोजना स्थित है. इससे केशवराय पाटन तहसील के 7 गांवों जैसे गेण्डोली कला, गेण्डोली खुर्द, गेण्डोली की झोपडीयां, जडोल, महुवा, गुथा, नयागांव जिसकी 1987.84 हेक्टेयर भूमि में सिचाई सुविधा उपलब्ध होगी.

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इस परियोजना के अन्तर्गत इनटेक वेल, जेक वेल, सोलर स्टेशन, बिल्डिग्स्, रोड, (राईजिंग मेन) डीआई पाईप लाईन का कार्य, डिग्गीयों के निर्माण का कार्य और एचडीपीई पाईप लाईन नेटवर्क के कार्य करवाये जाने हैं. इस इलाके में लंबे समय से पानी की मांग की जा रही थी. पानी नहीं मिलने के चलते किसान कई प्रकार की फसल की खेती नहीं कर पा रहे थे. अब इस परियोजना के शुरू होने पर किसानों को खेत पर ही बिना मोटर के पानी उपलब्ध होगा. ऐसी योजना किसानों के लिए मुनाफेदार साबित होगी.

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किसानों का कहना है कि नदी पास में होने के बावजूद भी समय पर पानी नहीं मिल पाता, क्योंकि नदी से खेत तक पानी लाने के लिए पंप इंजन की आवश्यकता होती है. यदि किसान किराए पर पंप इंजन लेकर भी आ जाते हैं तो उसमें पंप का किराया और डीजल का पैसा अलग से खर्च करना पड़ता है. 

बूंदी को चावल का गड़ माना जाता है, लेकिन पानी कम होने के कारण किसान या तो धान की खेती नहीं कर पा रहे या फिर डबल पैसा देने को मजबूर हो रहे हैं.

सोलर प्लांट से बनाई जाएगी बिजली

कनिष्ठ अभियंता अक्षय गुर्जर के अनुसार, हर दिन 2000 यूनिट की बिजली सोलर प्लांट के माध्यम से बनाई जाएगी. डिंडोली लिफ्ट सिंचाई परियोजना पर दो जगह पर सोलर प्लांट लगाए गए हैं, जिनमें पानी लिफ्टिंग के लिए 167 किलोवाट के 2 सोलर प्लांट बनाए गए हैं. इसमें 522 सौर ऊर्जा की प्लेटें लगाई गई हैं. जिसके माध्यम से विद्युत उत्पादन होगा. यहां पर दो प्रकार के मीटर लगाए गए हैं, जिनमें बिजली उत्पादन का अलग बॉक्स बनाया गया है और विद्युत विभाग को कितनी बिजली देनी है. इसका भी अलग से मीटर लगाया गया है.

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चार माह तक सोलर प्लांट के माध्यम से किसानों को बिजली का पानी हम देंगे. उसके बाद सिंचाई का पानी बंद होने पर बची हुई बिजली विभाग विद्युत विभाग को देगा. प्रोजेक्ट डायरेक्टर कमलेश यहूले ने बताया कि फरवरी माह के पहले सबसे में इस योजना की टेस्टिंग होगी. टेस्टिंग सफल रही तो इसी साल किसानों को खेतों में सिंचाई का पानी मिलना शुरू हो जाएगा. नए साल में करीब 52 करोड़ रुपए की परियोजना से 2 पंचायत के किसानों 25 हजार से अधिक को राहत मिलेगी.

लाखेरी में अंडरग्राउंड लाइन डाली जा रही है. नदी के पास ही 33 केवी जीएसएस बनाया गया है, इसमें ट्रांसफार्मर लगाया जा रहा है. अगले 10 से 15 दिन में कनेक्शन के बाद सोलर प्लांट चालू हो जाएगा. 

सोलर प्लांट से लाखेरी तक बिछी लाइन

सोलर प्लांट में बिजली सप्लाई के लिए 8 करोड़ रुपए बिजली विभाग को जमा कराए हैं. इससे सोलर प्लांट से लेकर लाखेरी तक अलग से 33 केवी लाइन डाली है. वहीं, खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए भी 11-11 केवी लाइन डाली गई है. हालांकि, कई जगह खेत मालिकों व अन्य लोगों ने लाइन डालने का विरोध भी किया. मेज नदी में कुरेल, घोड़ापछाड़, बेजान, तालेड़ा नदी का संगम होता है. पानी व्यर्थ ही चंबल में बहकर जाता था, अब उपयोग हो सकेगा. 

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प्रोजेक्ट डायरेक्टर के मुताबिक, नदी पर दो कुएं बनाए हैं, जिनके पास एक पंप हाउस भी बनाया गया है. यहां से पानी साफ होकर 72 मीटर दूर 2 कुओं में पहुंचेंगे. यहां 170 एचपी के 4 पंप लगाए हैं. 3 पंप तो 24 घंटे चालू रहेगे, 1 स्पेयर में रहेगा. यहां से 7 गांवों के 1987.84 हेक्टेयर खेतों में 10 किमी और नया पंचायत के 10 गांवों के 1997.78 हेक्टेयर खेतों में 12 किमी में डीआई पाइप लाइन बिछाई है. पंप रूम से सिचाई के लिए एचडीपीई पाइप बिछाए हैं. 4 हजार हेक्टेयर में 488 प्वाइंट बनाए गए हैं.

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