Rajasthan Tiger Conservation: बूंदी जिले के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में 11 नवम्बर को सरिस्का टाइगर रिजर्व से लाए गए. नर बाघ को शनिवार को खुले जंगल में आजाद कर दिया गया. अब टाइगर रिजर्व को RVT 1 के बाद एक और नया राजा मिल गया है. सरिस्का टाइगर रिजर्व से बाहर निकले टाइगर 2303 को 10 नवम्बर शाम हरियाणा के झाबुआ के जंगलों से ट्रेंकुलाइज कर रामगढ़ के शॉफ्ट एनक्लोजर में छोड़ा गया था. यह नर बाघ करीब 3 साल का युवा और काफी ह्रष्टपुष्ट बाघ है. उम्मीद है कि आने वाले समय में रामगढ़ में यह बाघ कुनबा बढ़ाने में मददगार साबित होगा. पहले ही रणथंभौर से खुद चलकर आए बाघ आरवीटी 1 यहां मौजूद है.
एंक्लोजर से निकलकर पहुंचा जंगल
बूंदी रामगढ़ बहाने के DFO संजीव शर्मा ने बताया कि अभयारण्य के बजलिया सॉफ्ट एंक्लोजर में 53 दिनों से सरिस्का अभ्यारण से ले गए बाघ को रखा गया था. यहां पर उसकी लगातार मॉनिटरिंग की जा रही थी. NTCA से एंक्लोजर के बाहर बाग को छोड़ने की मंजूरी मिलने के बाद बजलिया एंक्लोजर के मुख्य द्वार को सुबह खोल दिया गया. बाघ को जैसे ही गेट खोलने की जानकारी मिली तो बैग धीरे-धीरे एंक्लोजर के मेन गेट पर पहुंचा और मुख्य द्वार से बाहर निकलते हुए जंगल में चला गया.
3 साल के बाघ का वजह 200 किलो से अधिक
DFO शर्मा ने बताया कि टाइगर एसटी 2303 को 10 नवम्बर की शाम को हरियाणा के झाबुआ के जंगलों से ट्रेंकुलाइज कर 11 नवम्बर को रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में बजालिया एनक्लोजर में छोड़ दिया गया था. यहां बाघ को RVT 4 का नाम दिया गया है.
बाघ की उम्र करीब 3 साल है. 10 फीट लम्बा होने के साथ ही यह बाघ 3 सौ किलो से अधिक वजन का है. बाघ वर्तमान में पूर्ण रूप से स्वस्थ है और क्लोजर में शिकार भी कर रहा था. 54 दिनों में एंक्लोजर में विचरण करने के दौरान बाघ ने करीब 10 से अधिक शिकार भी किया.
रामगढ़ में 7 बाघों का कुनबा, बाघिन जल्द होगी शिफ्ट
जानकारी के अनुसार रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में वर्तमान में 7 बाघों की मौजूदगी है. जिसमें एक बाघिन है. वहीं 2 नर व एक बाघिन है, जो स्वतंत्र रूप से जंगल में विचरण कर रहे है. पिछले दिनों भैरूपुरा गांव के पास बजीं अपने एक शावक के साथ कमरे में ट्रैप हुई थी.
DFO संजीव शर्मा ने बताया कि जल्द ही महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से बाघिन को यहां पर शिफ्ट किया जाएगा, जिसकी मंजूरी मिल गई है. अभयारण्य में प्रवेश बनाने के लिए 500 चीतलों को छोड़ने की भी मंजूरी मिल गई है. निश्चित रूप से आने वाले समय पर रामगढ़ अभ्यारण में भावों का कुनबा बनेगा और लगातार सरकार इस विकास में गति देने में लगे हुए है.
ये भी पढ़ें- CM भजनलाल और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री का डूंगरपुर दौरा, मोरन नदी के विकास को लेकर कही ये बड़ी बात