
Rajasthan News: राजस्थान की राजधानी जयपुर के ग्रामीण इलाके जमवारामगढ़ में तनाव चरम पर है. रायसर थाना क्षेत्र के कुशालपुरा गांव में एक युवक की आत्महत्या के मामले को लेकर तीसरे दिन भी जबरदस्त धरना-प्रदर्शन जारी है. मृतक युवक विक्रम मीणा के परिजन और समाज के नेता उसके शव के साथ घर के आंगन में डटे हैं और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे नरेश मीणा ने राज्य सरकार को सीधा अल्टीमेटम दिया है. उन्होंने कहा है कि यदि दोपहर 3 बजे तक परिजनों की मांगे नहीं मानी गईं, तो वह शव के साथ राजस्थान विधानसभा की ओर कूच करेंगे. हालात को देखते हुए रायसर थाना क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया गया है और मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है.
क्या है पूरा मामला?
यह पूरा मामला गुरुवार दोपहर का है. कुशालपुरा गांव का विक्रम मीणा पहाड़ी के पास बकरियां चरा रहा था. मृतक के छोटे भाई विनोद मीणा का आरोप है कि वनकर्मियों ने विक्रम को इस बात के लिए पकड़ा कि उसकी बकरियां वन क्षेत्र में चली गई थीं. विनोद का आरोप है कि वनकर्मियों ने विक्रम की पत्नी से बदतमीजी की और फिर विक्रम के साथ बुरी तरह मारपीट की और उससे ₹1100 का चालान जबरन वसूल लिया. वनकर्मियों की इस कार्रवाई से आहत होकर, विक्रम जब शिकायत दर्ज कराने रायसर थाने पहुंचा, तो आरोप है कि पुलिस ने उसकी अनसुनी कर दी. थाने से बाहर निकलने के बाद विक्रम ने सीधे पुलिस कंट्रोल रूम को कॉल किया और वनकर्मियों की पिटाई से आहत होकर आत्महत्या करने की बात कही. इसके कुछ ही देर बाद युवक का शव गांव में एक पेड़ से लटका मिला, जिससे इलाके में आक्रोश फैल गया.
रायसर थाना बना छावनी
परिजनों ने विक्रम का शव उठाने से इनकार कर दिया और उसे एंबुलेंस में रखकर घर के आंगन में ही धरना शुरू कर दिया. इस आंदोलन में नरेश मीणा और पूर्व विधायक गोपाल मीणा भी शामिल हो गए हैं. तीन दिनों से जारी इस प्रदर्शन के कारण रायसर थाना क्षेत्र में भारी तनाव है. स्थानीय लोगों ने यह भी आरोप लगाया है कि रायसर थाना पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज किया, जिससे कई लोगों को गंभीर चोटें आई हैं. किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए प्रशासन ने चार थानों के पुलिसकर्मियों को मौके पर तैनात कर पूरे इलाके को पुलिस छावनी में बदल दिया है.
परिजनों की 'वजिब' मांगें
परिजनों की मुख्य मांगे इस प्रकार हैं, जिन्हें नरेश मीणा ने 'वाजिब' बताया है. मृतक के परिवार को ₹31 लाख की आर्थिक सहायता दी जाए. परिवार के एक सदस्य को संविदा पर नौकरी और एक डेयरी बूथ आवंटित किया जाए. लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त मुकदमा दर्ज किया जाए. वन विभाग द्वारा दर्ज किए गए वन विभाग एक्ट से संबंधित सभी मुकदमे खारिज किए जाएं. नरेश मीणा ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर दोपहर 3 बजे तक मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वह भारी संख्या में समर्थकों के साथ शव को लेकर विधानसभा की ओर कूच करेंगे.
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