Rajasthan News: मकर संक्राति का त्योहार नजदीक आता जा रहा है. जिसको देश भर में बड़ी धूम-घाम से मनाया जाता है. मकर संक्राति के त्योहार को पतंगों के त्योहार के रूप में भी मनाया जाता है. लेकिन इन पतंगों को उढ़ाते समय लोग चाइनीज मांझों का उपयोग करते हैं. जो बहुत खतरनाक होते है.
इन मांझों के कारण कई सड़क हादसे हो जाते है. लोगों की गर्दन में फंस जाते है. पक्षियों के पंख इससे कट जाते हैं. वहीं अब पतंगबाजी को लेकर शुपालन, गोपालन और डेयरी विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने प्रदेश के सभी जिलों के लिए विभाग की ओर से एडवायजरी जारी की है.
सचिव ने सभी जिलों को दिया निर्देश
जिसमें जिला कलक्टरों को लिखे अपने पत्र में उन्होंने कहा है कि प्रदेश में मकर संक्राति पर्व पर पतंगबाजी के दौरान दोपहिया वाहन चालकों और पक्षियों को जान का खतरा होने की अत्यधिक संभावना रहती है. पतंग उड़ाने के दौरान अत्यधिक धारदार, नायलॉन या किसी सिंथेटिक सामग्री से बने मांझों और उन पर लोहे अथवा कांच के पाउडर की कोटिंग से आमजन एवं पशु पक्षियों को हानि पहुंचने और कई बार जनहानि होने की भी संभावना होती है.
साथ ही यह मांझा विभिन्न धातुओं के मिश्रण से बने होने के कारण विद्युत सुचालक भी हो जाता है. जिससे विद्युत तारों के संपर्क में आने पर विद्युत प्रवाह होने से पतंग उड़ाने वालों के लिए खतरनाक हो सकता है और विद्युत सप्लाई में भी बाधा उत्पन्न हो सकती है. इन्हीं संभावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए ऐसी सामग्री से निर्मित मांझों पर तत्काल प्रतिबंधात्मक रोक लगाने की कार्रवाई की जानी चाहिए.
मांझे का प्रयोग करने वालों पर होगी कर्रवाई
समित शर्मा ने इस प्रकार के मांझे के निर्माण, भंडारण और विक्रय तथा उपयोग पर भी तत्काल रोक लगाने के निर्देश दिए. उन्होंने निर्देश दिए कि इसका उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम, भारतीय न्याय संहिता तथा पर्यावरण संरक्षण अधिनियम और अन्य संबंधित वैधानिक प्रावधानों के तहत तत्काल कार्यवाही की जाए.
लोगों को सूती धागों के लिए करें प्रेरित
डॉ. शर्मा ने कहा है कि एनजीटी के प्रतिबंधों के बारे में विभिन्न प्रचार माध्यमों से आमजन के बीच में व्यापक प्रचार प्रसार कराया जाए. आमजन को सूती धागों या बायोडिग्रेडेबल सामग्री से बने धागों के उपयोग के लिए प्रेरित किया जाए. स्कूलों, कॉलेजों और स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से जागरूकता अभियान चालाया जाए.
डॉ. शर्मा ने घायल पक्षियों के बचाव के लिए विशेष प्रबंध करते हुए उनके ईलाज के लिए सभी जिलों में मकर संक्रांति के अवसर पर पशुपालन विभाग/स्वयंसेवी संस्थाओं/पक्षी प्रेमियों के माध्यम से पक्षी चिकित्सा शिविर लगाने और हेल्पलाइन नंबर जारी करने के भी निर्देश दिए हैं.