Rajasthan News: राजस्थान में एक के एक बोरवेल हादसे की घटनाएं सामने आ रही हैं. अब बोरवेल हादसे को देखते हुए सरकार भी एक्शन में आई और अलग-अलग जिलों में प्रशासन ने बोरवेल को बंद करवाने का अभियान चलवाया. इसी तरह जयपुर में भी बोरवेल और खुले कुएं बंद करवाने के अभियान चलाए गए. इसके बाद रिपोर्ट बोरवेल और कुएं को बंद करवाने की रिपोर्ट शासन को सौंपी गई. हालांकि, लगातार बोरवेल हादसे में हो रही मौत के बाद भी जयपुर के सांगनेर में एक पटवारी ने बड़ी लापरवाही की. बाद में पटवारी के फर्जीवाड़े का खुलासा होने पर कार्रवाई की गई है.
बच्चे की कुएं में गिरकर मौत
दरअसल, जयपुर जिला प्रशासन की तरफ से पिछले महीने जिले में खुले बोरवेल और कुओं को ढकने के लिए विशेष अभियान चलाया गया था. इस अभियान में अब तक 2,300 से अधिक बोरवेल और कुएं ढके जा चुके हैं. प्रशासन के इस अभियान के बीच सांगानेर क्षेत्र में शुक्रवार को अनुज नाम के बच्चा कुएं में गिर गया और उसकी मौत हो गई. इसके बाद सांगानेर उपखंड अधिकारी (एसडीएम) ने खुले बोरवेल और कुओं को लेकर पटवारी द्वारा दी गई स्थिति रिपोर्ट की जांच की तो पाया कि जिस कुएं में बच्चा गिरा था, उसका उल्लेख उस रिपोर्ट में नहीं था.
गलत रिपोर्ट देने पर पटवारी पर एक्शन
एसडीएम ने इस संबंध में जयपुर कलेक्टर डॉ. जितेंद्र सोनी को रिपोर्ट भेजी, इस पर जयपुर कलेक्टर ने पटवारी शोभा मीणा को निलंबित कर दिया. एक अधिकारी के मुताबिक, अगर पटवारी ने गलत रिपोर्ट नहीं भेजी होती और कुएं को ढक दिया गया होता तो यह जानलेवा हादसा नहीं होता.
फिलहाल जयपुर में शुक्रवार तक जिले में 2,300 से अधिक खुले बोरवेल और कुएं ढके जा चुके हैं और अन्यों को ढकने का काम जारी है. पटवारी, उपखंड अधिकारी को स्थिति (स्टेटस) रिपोर्ट भेजते हैं, जिसे जिलाधिकारी को भेजा जाता है. हाल ही में दौसा और कोटपुली में खुले बोरवेल में गिरने से पांच वर्षीय और तीन वर्षीय बच्चे की मौत की घटनाओं के बाद जयपुर के जिलाधिकारी डॉ. जितेन्द्र सोनी ने विशेष अभियान शुरू किया था.
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