
Rajasthan News: राजस्थान हाईकोर्ट ने नीट यूजी 2025 के एक छात्र को बड़ी राहत दी है. जिसके बाद कोर्ट ने उसे काउंसलिंग के अगले दौर में शामिल होने की अनुमति दी है. साथ ही जब्त किए गए 5 लाख रुपये को कॉलेज की फीस में समायोजित करने का आदेश दिया है. यह फैसला जस्टिस समीर जैन की बेंच ने छात्र नरेंद्र महला की याचिका पर सुनाया.
जानें क्या थी छात्र की परेशानी
जानकारी के अनुसार, नरेंद्र ने नीट 2025 की परीक्षा पास की थी. काउंसलिंग के दूसरे दौर में उसे 14 सितंबर को कॉलेज आवंटित हुआ. कॉलेज में 30 सितंबर दोपहर 2 बजे तक 18 लाख 90 हजार रुपये जमा करने थे. इसमें से 5 लाख रुपये उसने काउंसलिंग के समय जमा किए थे. लेकिन बाकी 13 लाख 90 हजार रुपये जमा करने में वह कुछ घंटे देर हो गया. इसका कारण था उसकी परदादी का 29 सितंबर को निधन और 27-28 सितंबर को बैंक की छुट्टियां. इस देरी के चलते कॉलेज ने उसकी 5 लाख रुपये की सिक्योरिटी राशि भी जब्त कर ली.
पीड़ित छात्र ने नहीं है पिता
नरेंद्र के वकील तनवीर अहमद ने कोर्ट को बताया कि नरेंद्र के पिता नहीं हैं और वह साधारण परिवार से है. परदादी की मृत्यु और बैंक अवकाश के कारण वह समय पर फीस नहीं जमा कर सका. कोर्ट ने नरेंद्र की परेशानी को समझा और उसे तीसरे काउंसलिंग दौर में शामिल करने का आदेश दिया. साथ ही जब्त 5 लाख रुपये को मेरिट के आधार पर कॉलेज फीस में समायोजित करने को कहा.
कोर्ट ने सिस्टम पर उठाए सवाल
हाईकोर्ट ने भारी फीस और सख्त समय सीमा को छात्रों के लिए अन्यायपूर्ण बताया. कोर्ट ने इसे अनुचित लाभ का मामला माना और इसकी जांच के लिए आदेश की प्रति राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग, स्वास्थ्य मंत्रालय और राजस्थान के मुख्य सचिव को भेजी.
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