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This Article is From Apr 17, 2024

Illegal Mining case: राजस्थान में पुलिस और माफियाओं की मिलीभगत... हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए CBI को सौंपा जांच का जिम्मा

राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य की पुलिस पर तल्ख टिप्पणी करते हुए माफियाओं के साथ मिलकर काम करने की बात कही है. कोर्ट ने अवैध खनन से जुड़े एक मामले की सुनवाई में यह बात कही. साथ ही केस की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया है.

Illegal Mining case: राजस्थान में पुलिस और माफियाओं की मिलीभगत... हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए CBI को सौंपा जांच का जिम्मा
राजस्थान हाई कोर्ट.

Illegal Mining Case:  पिछले साल राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली जीत के बाद भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में बनी नई सरकार ने प्रदेश में हो रहे अवैध खनन पर नकेल कसने की कोशिश शुरू की थी. मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुलिस, खान विभाग, परिवहन विभाग, राजस्व विभाग ने टीम बनाकर कई जिलों में ताबड़तोड़ अभियान चलाकर खनन माफियाओं के पर कतरे थे. लेकिन लोकसभा चुनाव नजदीक आने के बाद यह कार्रवाई बीते कुछ दिनों से ठंडे बस्ते में पड़ गई है. इस बीच अब राजस्थान हाईकोर्ट ने अवैध खनन को लेकर एक बड़ा फैसला दिया है. 

दरअसल राजस्थान हाईकोर्ट ने अवैध खनन, बजरी चोरी और परिवहन से जुड़े मामलों में पुलिस की कार्रवाई पर नाराजगी जताते हुए मामले राज्य पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंपने के निर्देश दिए हैं.

कोर्ट ने यह तक कहा कि ऐसा लगता है कि पुलिस व खान विभाग की बजरी माफिया से मिलीभगत है. इसके साथ ही कोर्ट ने बंदी के सदर थाना में दर्ज मामले की जांच राज्य पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंपने के निर्देश दिए हैं.  कोर्ट ने इस जांच के साथ ही साथ  ऐसे और मामलों की जांच सीबीआई को देने का फैसला लिया है. इनमें चंबल व बनास के पास के समान मामलों में भूमाफियाओं के खिलाफ दर्ज एफआईआर की भी जांच शामिल है. 

कोर्ट ने राज्य सरकार की कार्यवाहियों पर शेख टिप्पणी की अदालत ने कहा कि राज्य सरकार बजरी माफियाओं पर अभियान जरूर चलाती है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती है. ऐसा लगता है कि सरकार व उसके अधिकारियों को अदालत के निर्देश की कोई परवाह ही नहीं है.

एसपी की ओर से स्पष्टीकरण तक नहीं मिला

अदालत ने पुलिस के रवैया पर नाराजगी जताते हुए कहा कि इस मामले में ना तो आईओ आया है. न ही कोई एक्शन रिपोर्ट आई है..यहां तक की बूंदी एसपी ने भी कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है. पुलिस का अनुसंधान सीआरपीसी के प्रावधानों के विपरीत है. यह मामला बड़े स्तर पर पर्यावरण से जुड़ा हुआ है. ऐसे में इस मामले को निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई को भेजना ही सही होगा.

बूंदी जिले के सदर थाने में दर्ज मामले में कोर्ट ने सुनाया फैसला

जिस मामले को राजस्थान हाई कोर्ट ने सीबीआई को सौंपने के निर्देश दिए हैं वह मामला बूंदी सदर थाने से जुड़ा हुआ है. सदर थानाधिकारी भगवान सहाय ने बताया कि वर्ष 2023 अक्टूबर में सदर थाना पुलिस ने रामगंज बालाजी फोरलेन पर नाकाबंदी के दौरान एक बजरी से भरा हुआ ट्रक रुकवाया था.

ट्रक में नियम अनुसार दस्तावेज यानी रवन्ना नहीं होने के चलते जब्त किया गया था. पुलिस ने मोटर व्हीकल एक्ट व एमआरडी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था. मामला दर्ज करने के साथ ही बूंदी जिला कोर्ट में पुलिस ने गिरफ्तार किए ट्रक चालक को कोर्ट में पेश किया तो कोर्ट ने बजरी परिवहन के मामले में कड़ी टिप्पणी करते हुए उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी. जिला जज ने राजस्थान सरकार व खनन विभाग के प्रमुख शासन सचिव को मामले में सख्त सशक्त कार्रवाई करने और परिवहन पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे.  इस मामले को बूंदी जिला कोर्ट ने भी गंभीर माना था.

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