
Rajasthan News: राजस्थान में आखातीज, पीपल पूर्णिमा जैसे पर्वों पर बाल विवाहों के आयोजन की संभावनाओं को देखते हुए गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनन्द कुमार ने राज्य के सभी जिला कलेक्टर, एसपी और पुलिस उपायुक्तों को विशेष चौकस रहने और सरकारी मशीनरी को सक्रिय रखने के निर्देश दिए हैं.
एसीएस ने अधिकारियों को लिखे पत्र
एसीएस ने इन अधिकारियों को लिखे पत्र में बताया है कि गत वर्षों की भांति बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम के लिए ग्राम और तहसील स्तर पर पदस्थापित विभिन्न विभागों के कर्मचारियों/अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों , वृत्ताधिकारियों, थानाधिकारियों, पटवारियों, भू-अभिलेख निरीक्षकों, ग्राम पंचायत सदस्यों, ग्राम सेवकों, कृषि पयवेक्षकों के माध्यम से बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के प्रावधानों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए.
जिला और ब्लॉक स्तर पर गठित हो सहायता समूह
एसीएस ने बताया कि बाल विवाह रोकने के लिए समाज की मानसिकता और सोच में सकारात्मक परिवर्तन लाना आवश्यक है. इसके लिए जिला व ब्लॉक स्तर पर गठित विभिन्न सहायता समूह, महिला समूह, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आंगनबाडी कार्यकर्ता, महिला सुरक्षा सखी, साथिन सहयोगिनी के कोर ग्रुप को सक्रिय किया जाये.
जन प्रतिनिधियों के साथ करें बैठक
जन प्रतिनिधियों और प्रतिष्ठित व्यक्तियों के साथ चेतना बैठकों का आयोजन करवाएं. ग्राम सभाओं में सामूहिक रूप से बाल विवाह के दुष्प्रभावों की चर्चा कर रोकथाम की कार्यवाही,बाल विवाह रोकथाम हेतु किशोरियों, महिला समूहों, स्वयं सहायता समूहों व विभिन्न विभागों के कार्यकर्ता जैसे स्वास्थ्य, वन, कृषि, समाज कल्याण, शिक्षा विभागों इत्यादि के साथ समन्वय बैठक आयोजित कर इन कार्मिकों को बाल विवाह होने पर निकट के पुलिस स्टेशन में सूचना देने हेतु पाबन्द किया जाये.
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