Rajasthan JEN Paper Leak Case: सरकारी नौकरियों की भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक के लिए राजस्थान का नाम काफी मशहूर है. यहां बीते कुछ सालों में कई भर्ती परीक्षाओं में जमकर धांधली हुई है. 2023 के चुनाव में जीत के बाद भाजपा की सरकार बनी. जिसके बाद पेपर लीक मामले की जांच तेज हुई है. बीते दिनों पेपर लीक मामले की जांच में जुटी टीम को तब बड़ी जानकारी सफलता हाथ लगी, जब साल 2020 में हुए जूनियर इंजीनियर भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में टीम ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया. फिर इन सभी से पूछताछ करते हुए टीम मामले की छानबीन में आगे बढ़ रही है. इस बीच अब जूनियर इंजीनियर भर्ती परीक्षा से जुड़ी एक बड़ी अपडेट सामने आई है. जेईएन परीक्षा के पेपर लीक का एक नया मास्टरमाइंड सामने आया है. जो अब भारत छोड़कर दुबई भाग चुका है.
पंकज चौधरी उर्फ यूनिक भांभू के खिलाफ लूकआउट नोटिस
SOG ने 20 फरवरी को गिरोह के अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया था. तब आरोपी पंकज को इसकी भनक लग गई और वह जयपुर से दुबई चला गया। आरोपी को पकड़ने के लिए लुकआउट नोटिस जारी करवाया है.बताया गया कि मास्टरमाइंड यूनिक भांभू ही परीक्षा केंद्रों से पेपर लीक करवाता था. राजेंद्र यादव ने जयपुर के सरकारी स्कूल में स्ट्रॉन्ग रूम से जेईएन भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करवाने के बाद भांभू के मोबाइल पर ही भेजा था.
चूरू का यूनिक भांभू वन विभाग में फॉरेस्टर
मूल रूप से चूरू का रहने वाला यूनिक भांभू वन विभाग में फॉरेस्टर है. ऐसे में आशंका है कि भांभू ने जेईएन भर्ती के अलावा वनपाल और वनरक्षक भर्ती का भी पेपर लीक करवाया होगा. फिलहाल, एसओजी की टीम इसकी जांच में जुटी हुई है. हालांकि, आरोपी भांभू की गिरफ्तारी के बाद ही यह पता चल पाएगा कि उसने कौन-कौनसी भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक करवाए थे.
जेईएन पेपर लीक केस में अभी तक 5 गिरफ्तार
बताते चले कि बीते दिनों इसी मामले में एसओजी ने शिक्षक राजेन्द्र कुमार यादव, पटवारी हर्षवर्धन मीणा, लाइब्रेरियन शिवरतन मोट और राजेन्द्र यादव उर्फ राजू को गिरफ्तार किया था. आरोपी शिक्षक से पूछताछ के बाद पेपरलीक सरगना जगदीश बिश्नोई का नाम सामने आया था, जिसे दो दिन पहले गिरफ्तार किया गया. जबकि आरोपी शिवरतन मोट की गिरफ्तारी की सूचना पर यूनिक भांभू दुबई भाग गया था.
पेपर लीक करने वालों पर कुर्की की कार्रवाई
एसओजी को शिक्षक राजेन्द्र कुमार यादव व पटवारी हर्षवर्धन मीणा के 12 ठिकानों की तलाशी में करोड़ों रुपए की सम्पत्ति की जानकारी मिली है. आशंका है कि पेपर लीक कर यह सम्पत्ति जुटाई गई. इस संबंध में एसओजी ईडी को पत्र लिख सकती है और अनुसंधान में साक्ष्य आने पर कुर्की की कार्रवाई भी करवा सकती है.
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