
Rajasthan News: हाल ही में जारी हुए केंद्रीय विद्यालय संगठन और नवोदय विद्यालय समिति के नए शिक्षक भर्ती नियमों के कुछ बिंदुओं को लेकर देशभर के अभ्यर्थियों में रोष है. वह इसलिए क्योंकि लंबे समय से तैयारी करने वाले लाखों की संख्या में अभ्यर्थी इन नए भर्ती नियमों की वजह से भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पाएंगे.
क्या है नए शिक्षक भर्ती नियम
नए संशोधन नियमों के अनुसार, अभ्यर्थी ने जिस विषय से PGT शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन किया जा रहा है. वह विषय अभ्यर्थी के पोस्ट ग्रेजुएट स्तर के साथ अब ग्रेजुएशन स्तर पर भी पाठ्यक्रम का हिस्सा रहा हो. जबकि पुराने भर्ती नियमों में विषय संबंधित अनिवार्यता केवल पोस्ट ग्रेजुएशन स्तर की मानी जाती थी.
जानें अभ्यर्थियों में क्यों हो रहा विरोधाभास
अभ्यर्थियों का मानना है कि सीधी भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थी विषय विशेष का संपूर्ण अध्ययन करने के बाद ही प्रतियोगिता परीक्षा पास करके के मैरिट के आधार पर चयनित होत है और सम्पूर्ण देश में पोस्ट ग्रेजुएट स्तर के विषय के आधार पर ही भर्ती की जा रही है. प्रदेश में असिस्टेंट प्रोफेसर जैसे महत्वपूर्ण पद के लिए केवल स्नातकोत्तर स्तर के विषय को ही योग्यता का आधार माना जाता है, जबकि शिक्षक भर्ती परीक्षा में अब ऐसा नहीं हो पाएगा, जो कि शी नहीं है.
पुराने नियमों में नहीं थी कोई अनिवार्यता
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार अभ्यर्थी को स्नातक स्तर से भिन्न विषय में भी मास्टर्स करने की आजादी दी गई है. अगर इसमें अभ्यर्थी की योग्यता प्रभावित होती है तो, यह अपने आप में ही विरोधाभास प्रकट कर रहा है. तकनीकी विषय के शिक्षक हेतु बीएड डिग्री की अनिवार्यतानए संशोधित नियमों के अनुसार कंप्यूटर शिक्षक भर्ती के लिए बीएड की अनिवार्य रखी गई है. जबकि पुराने नियमों के अनुसार इस तरह की कोई अनिवार्यता नहीं थी.
आगे क्या हो सकता है
वर्तमान में देश के सभी राज्यों में पुराने नियमों के अनुसार ही शिक्षक भर्ती की जा रही है. इसको ध्यान में रखते हुए सरकार को संबंधित बोर्ड को निर्देश देने चाहिए कि नए भर्ती नियमों में 2024 तक जो डिग्री प्राप्त कर चुके हैं. उन्हें योग्य माना जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने पुराने नियमों को ध्यान में रख कर संबंधित योग्यता प्राप्त की थी.
रिपोर्ट-
नरेंद्र मीणा
B.Sc,B.Ed,M.Sc,UGC-NET
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