
Rajasthan News: राजस्थान हाईकोर्ट ने यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है. कोर्ट ने राज्य परिवहन विभाग को मेडिकल अनफिट ड्राइवरों को बस चलाने की ड्यूटी देने पर तुरंत रोक लगा दी है. यह फैसला न्यायमूर्ति सुदेश बंसल की एकलपीठ ने छतर सिंह और अन्य ड्राइवरों की याचिका पर सुनवाई के बाद दिया.
यात्रियों की जान खतरे में डालने वाला आदेश
हाईकोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि मेडिकल अनफिट ड्राइवरों को बस चलाने की अनुमति देना यात्रियों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ है. नियमों के मुताबिक, जिन ड्राइवरों को मेडिकल बोर्ड ने अनफिट घोषित किया है, उन्हें भारी वाहन चलाने की जिम्मेदारी नहीं दी जा सकती. कोर्ट ने सुझाव दिया कि ऐसे ड्राइवरों को बुकिंग काउंटर, टाइम कीपर, सुरक्षा गार्ड या लिपिक जैसे वैकल्पिक कार्यों में लगाया जाए.
याचिकाकर्ताओं ने उठाई गंभीर शिकायत
याचिका में ड्राइवरों ने बताया कि वे लंबे समय से राजस्थान रोडवेज में चालक के रूप में काम कर रहे हैं. सड़क हादसों में घायल होने के कारण उनकी शारीरिक स्थिति खराब हो चुकी है.
किसी के हाथ में रॉड डली है तो किसी को पैर में दिक्कत है. इसके बावजूद अलवर के चीफ मैनेजर ने बिना मेडिकल बोर्ड की जांच के उन्हें फिर से बस चलाने की ड्यूटी दे दी. वकील विनायक जोशी ने इसे अमानवीय और नियमों के खिलाफ बताया.
रोडवेज मुख्यालय के नियमों की अनदेखी
याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट को बताया कि रोडवेज मुख्यालय ने साफ निर्देश दिए हैं कि मेडिकल अनफिट ड्राइवरों को तब तक भारी वाहन न सौंपे जाएं, जब तक मेडिकल बोर्ड उन्हें फिट न घोषित कर दे. लेकिन अलवर के अधिकारियों ने इन नियमों को नजरअंदाज कर ड्राइवरों और यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डाला.
कोर्ट ने दिखाई सख्ती
पिछली सुनवाई में रोडवेज का कोई अधिकारी कोर्ट में नहीं पहुंचा था, जिससे नाराज होकर हाईकोर्ट ने रोडवेज के मैनेजिंग डायरेक्टर पुरुषोत्तम शर्मा को तलब किया. गुरुवार को वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए और अपनी अनुपस्थिति पर सफाई दी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार किया.
विभागीय कार्रवाई शुरू
रोडवेज के वकील ने कोर्ट को बताया कि अनफिट ड्राइवरों को ड्यूटी पर लगाने वाले अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू हो चुकी है. कोर्ट ने इस मामले को गंभीर मानते हुए ऐसे किसी भी आदेश पर तत्काल रोक लगा दी. यह फैसला न केवल ड्राइवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि यात्रियों के लिए भी सुरक्षित सफर की गारंटी देगा.
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