Rajasthan News: मुकुंदरा टाइगर रिजर्व की बाघिन कनकटी ने सड़क पर आकर दहशत मचा दी है. जब से बाघिन को भटवाड़ा गांव के पास नेशनल हाईवे-52 पार करते देखा गया है, तब से इलाके में हड़कंप मचा हुआ है. कनकटी बाघिन मुकंदरा जंगल में मूवमेंट कर रही है और उसके बाद से इसके नाम का डर मुकंदरा टाइगर रिजर्व के पांच गांव में फैला हुआ है. वन विभाग ने आसपास के गांव में अलर्ट जारी किया और दरा गांव को आज सुरक्षा के लिहाज से बन्द रखा गया है.
टी-84 के नाम से भी पहचान
वन विभाग ने ग्रामीणों को सतर्क रहने को कहा है. बाघिन कनकटी का इस लिहाज से भी लोगों में खौफ है, क्योंकि रणथंभौर में इसे टी-84 के नाम जाता था और वहां पर रहते हुए इसने एक 7 साल के बच्चे और एक रेंजर को शिकार बनाया था. उसके बाद इसे मुकंदरा में शिफ्ट करना पड़ा था. यहां मुकुंदरा में आने के बाद जब कनकटी ने पहली बार सड़क पर आकर दस्तक दी तो दहशत फैल गई. कनकटी बाघिन का नेचर गुस्से वाला है.
अप्रैल 2025 में 7 साल की उम्र के कार्तिक सुमन पर कनकटी ने हमला किया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी. कार्तिक अपनी दादी के साथ त्रिनेत्र गणेश मंदिर के दर्शन कर अपने घर जा रहा था. इसके बाद मई 2025 को रेंजर देवेंद्र चौधरी पर भी कनकटी ने हमला जान ले ली.
एंक्लोजर को फांद बाहर आई बाघिन कनकटी
वहीं, जून 2025 को कनकटी बाघिन को मुकंदरा की दरा रेंज में बने 82 स्क्वायर किलोमीटर लंबे चौड़े तार फेंसिंग पत्थर की दीवारों से बने एंक्लोजर में छोड़ा हुआ था, लेकिन एक दिन पहले बाघिन एंक्लोजर को फांद गई. अब फ्री रेंज जंगल में मूवमेंट कर रही है. ऐसे में अमझार, भटवाड़ा, ढाणी, नयागांव, दरा गांव में बाघिन कनकटी को लेकर दहशत है. ग्रामीणों को अलर्ट रहने को कहा गया है. मंगलवार की रात को इन गांवों के गलियारों में शाम के बाद से सन्नाटा पसरा रहा.
बाड़े से निकलकर बाघिन ने पार की सड़क
बता दें कि मंगलवार की सुबह करीब 11 बजे बाघिन कनकटी ने अपने निर्धारित बाड़े से निकलकर सड़क पार कर ली, जिससे लोगों में दहशत फैल गई और दोनों तरफ ट्रैपिक कुछ देर के लिए थम गया. बाघिन की उपस्थिति को भांपकर कुछ मवेशी तुरंत वहां से भाग निकले, जबकि कुछ पुलिसकर्मियों और राहगीरों को सड़क पार करती बाघिन का मोबाइल फोन से वीडियो बनाते देखा गया. मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व (MHTR) के डीसीएफ मुथु एस बताया कि बाघिन बटवाड़ा रोड को पार कर गई, जो एमएचटीआर का हिस्सा है और फिर दिन में बाद में दारा वन क्षेत्र में स्थित अपने बाड़े में लौट आई. हालांकि, लोगों में अभी भी बाघिन को लेकर दहशत है.
रेडियो कॉलर से बाघिन की निगरानी
डीसीएफ ने बताया कि बाघिन को रेडियो कॉलर लगाया गया है और वन विभाग की तीन टीम 24 घंटे उस पर नजर रख रही हैं. उन्होंने बताया कि चूंकि बाघिन पर नजर रखी जा रही है इसलिए सड़क के आसपास के इलाकों की घेराबंदी कर दी गई है. वन विभाग की टीम विशेष निगरानी बरत रही है क्योंकि इसी तरह की एक घटना में 20 साल पहले एक बाघिन रणथंबोर वन क्षेत्र से भटकने के बाद ट्रेन की चपेट में आ गई थी.
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