Barmer District Sub Jail: राजस्थान में जेल में बंद कैदी की मौत (Prisoner's death) हो जाने के बाद भारी बवाल मचा. बाड़मेर जिला उप कारागृह में चिकन पॉक्स (Chicken Pox) से पीड़ित बंदी की मौत के बाद 2 दिन से जारी गतिरोध में बड़ी जानकारी निकलकर सामने आई है. इस मामले में मृतक कैदी के परिजन लापरवाही के आरोप को लेकर दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग को लेकर धरने पर बैठे थे. परिजनों के समर्थन में शिव विधायक और बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी (Ravindra Singh Bhati) भी धरने पर बैठ गए थे. इस मामले में कई दौर की वार्ता हो गई है, जिसके बाद अब सभी मांगों को लेकर सहमति बन गई है.
भाटी की मानी गई सभी मांगे
राज्य सरकार ने इस मामले में समझौते के लिए सिवाना विधायक हमीर सिंह भायल और चौहटन विधायक आदुराम मेघवाल भी धरनास्थल पर पहुंचे और समझाइश के प्रयास किए. इसके बाद राजपूत समाज के प्रतिनिधि मंडल के साथ जिला कलेक्टर कार्यालय में लंबी वार्ता का दौर चला, लेकिन सहमति नहीं बन पाई. इसके बाद जोधपुर संभागीय आयुक्त बीएल मेहरा और जोधपुर पुलिस के रेंज आईजी विकास कुमार बाड़मेर पहुंचे और पुलिस लाइन स्थित गेस्ट हाउस में एक बार फिर वार्ता की. वार्ता खत्म होने से पहले रविंद्र सिंह भाटी की सभी मांग को मान लिया गया है.
चिकन पॉक्स के पीड़ित कैदी हुए शिफ्ट
बुधवार सुबह जिला कारागृह में हत्या के मामले में विचाराधीन बंदी जय सिंह की मौत हो गई. बताया जा रहा है मृतक बंदी चिकनपॉक्स से पीड़ित था, लेकिन परिजनों का आरोप है कारागृह प्रशासन द्वारा समय पर इलाज नहीं करवाया गया, जिससे उसकी मौत हो गई. परिजन शव उठाने से इनकार करते हुए धरने पर बैठ गए और उनके समर्थन में रविंद्र सिंह भाटी धरने पर बैठ गए थे और महापड़ाव की चेतावनी दी थी. रविंद्र सिंह भाटी ने मांग थी की कारागृह में चिकनपॉक्स से कई कैदी है, जिनको उचित इलाज नहीं मिल रहा है. इसको गंभीरता से लेते हुए गुरुवार देर शाम को प्रशासन द्वारा जेल में चिकनपॉक्स से पीड़ित कैदियों को बाड़मेर राजकीय अस्पताल में शिफ्ट करवाया गया है. जहां पर सुरक्षा के बीच इनका उपचार जारी है.
नहीं बन पाई सहमति
जोधपुर रेंज आईजी ने मीडिया से बातचीत में कहा जेल कैदी को मौत के बाद शव का पोस्टमार्टम नहीं करवाया जा सका है. साथ धरना प्रतिनिधि मंडल ने अपनी बात रखी है, उस पर विचार किया जा रहा है. लेकिन धरना प्रतिनिधि द्वारा रखी गई मांगों पर सहमति को लेकर रेंज आइजी ने कोई भी जवाब नहीं दिया था. ऐसे में करीब 3 से 4 घंटे लंबी चली वार्ता एक बार फिर विफल हो गई थी. हालांकि संभागीय आयुक्त पुलिस लाइन सभागार में मामले को लेकर चर्चा की और सभी मांगों को मान लिया.
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