
Jhalawar News: झालावाड़ के पीपलोदी हादसे को लेकर झालावाड़ में राधा रमण परिसर में न्याय पंचायत का आयोजन हुआ. यह आयोजन शाम तक चलता रहा. यहां बाप पार्टी के सांसद राजकुमार रोत समेत अन्य नेताओं ने सम्बोधित करते हुए सरकार के खिलाफ पिपलोदी मामले को लेकर जमकर हमला बोला. सांसद ने कहा कि सरकार की लापरवाही और असंवेदनशील रवैये ने इस पंचायत को मजबूरी बना दिया.
सांसद राजकुमार रोत ने कहा कि आज जो न्याय पंचायत आयोजित हुई है इसको हमें आयोजन करने की आवश्यकता ही नहीं पड़ती अगर सरकार समय रहते सही ढंग से न्याय किया होता तो हमें जरूरत ही नहीं पड़ती. 3 अगस्त को हमने झालावाड़ में आयोजन किया लेकिन सरकार ने उल्टा असामाजिक तत्वों को भेजकर पत्थर और चप्पल फेंकने का प्रयास कराया. उस दिन हमारी मांगों को जिला प्रशासन को अवगत कराया गया लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया.
''हम सरकार से भीख नहीं मांगेंगे''
उन्होंने कहा कि हमने पीड़ित परिवार को एक-एक करोड़ रुपए देने, घायलों को 50-50 लाख रुपए की सहायता, पीड़ित परिवार को जमीन और नौकरी देने जैसी सरल मांगें रखी थीं. इसका प्रस्ताव सरकार को गया लेकिन आज तक उस पर संज्ञान नहीं लिया गया. हम सरकार से भीख नहीं मांगेंगे, सरकार आर्थिक सहायता के मामले में पूरी तरह झूठ बोल रही है. इस लड़ाई को हम छोड़ेंगे नहीं, दिल्ली तक लड़ेंगे.
''हवाई जहाज में जो व्यक्ति मरते हैं उन्हें एक करोड़ मिलते हैं''
सांसद ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री प्रदेश के हर कोने में घूमते हैं लेकिन झालावाड़ की घटना के इतने दिन के बावजूद भी वह यहां नहीं आए. आजाद देश में शिक्षा के मंदिर में इस प्रकार की घटना पहली बार हुई है, लेकिन सरकार मांगों को लेकर मुंह बंद करके बैठी हुई है. मुआवजा राशि देने में भी भेदभाव किया जा रहा है. हवाई जहाज में जो व्यक्ति मरते हैं उन्हें एक करोड़ मिलते हैं और यह गरीबों को लाखों रुपए की राशि भी समय पर नहीं मिल पा रही है.
''सरकार धर्म और राजनीति की सस्ती चालें चल रही है''
राजकुमार रोत ने कहा कि प्रदेश के उदयपुर में जो घटना हिन्दू-मुस्लिम वाली हुई, उसमें करोड़ों रुपये की सहायता दी गई और सरकारी नौकरियां दी गईं. सरकार आज करोड़पतियों के तीन-तीन, चार-चार करोड़ रुपए बकाया माफ कर रही है जबकि झालावाड़ में कुछ नहीं कर रही. ऐसे में साफ तय होता है कि जाति, धर्म और व्यक्ति देखकर सरकार सहायता दे रही है. सरकार न्याय नहीं कर रही बल्कि धर्म और राजनीति की सस्ती चालें चल रही है.