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Rajasthan Politics: विधानसभा में अपशब्द बोलने के मामले में शांति धारीवाल को मिली सजा, दो दिन सदन की कार्यवाही में नहीं होंगे शामिल

Shanti Dhariwal Abuse in Assembly: राजस्थान विधानसभा में चर्चा के दौरान अपशब्द बोलने के मामले में कांग्रेस के दिग्गज नेता शांति धारीवाल को सजा मिली है. स्पीकर वासुदेव देवनानी ने धारीवाल को सदन की कार्यवाही में दो दिन शामिल नहीं होना का आदेश दिया है.

Rajasthan Politics: विधानसभा में अपशब्द बोलने के मामले में शांति धारीवाल को मिली सजा, दो दिन सदन की कार्यवाही में नहीं होंगे शामिल
कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल.

Shanti Dhariwal Abuse in Assembly: राजस्थान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्ववर्ती गहलोत सरकार में मंत्री रहे शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) को विधानसभा में अपशब्द बोलना महंगा पड़ गया है. धारीवाल ने अपने किए पर माफी तो मांग ली लेकिन स्पीकर वासुदेव देवनानी ने सदन में किए उनके आचरण को गंभीर मानते हुए उन्हें दो दिन के लिए सदन की कार्यवाही से सस्पेंड कर दिया है. स्पीकर वासुदेव देवनानी के आदेश के अनुसार कांग्रेस नेता शांति धारीवाल सदन में उपस्थित तो होंगे लेकिन वो दो दिन सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं हो सकेंगे. 

भाजपा विधायक श्रीचंद कृपलानी ने उठाया मुद्दा

दरअसल मंगलवार को विधायक श्रीचंद कृपलानी ने सदन में शांति धारीवाल के अपशब्द का मामला उठाया था. जिसपर स्पीकर के कहने के बाद शांति धारीवाल ने माफी मांगी और उसके बाद स्पीकर ने उन्हें दो दिन के लिए सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं होने का फैसला सुनाया. 

मालूम हो कि UDH की अनुदान मांगों पर बहस के दिन शुक्रवार को शांति धारीवाल ने आसन के लिए अपशब्द बोले थे. मंगलवार को इस मामले को उठाते हुए विधायक कृपलानी ने कहा मेरे धारीवाल जी से अच्छे संबंध रहे हैं. मैं इनका सम्मान करता था. लेकिन जब मैंने इनके लक्षण देखें तो मुझे बड़ा अफसोस हुआ. जिस तरह की भाषा का उपयोग यहां पर करते हैं, अगर मुझे पता होता कि इस तरह की भाषा का प्रयोग यहां पर होता है तो मैं चुनाव नहीं लड़ता. 

सभापति की कुर्सी को गाली देना छोटी बात नहींः कृपलानी

भाजपा विधायक श्रीचंद कृपलानी ने आगे कहा कि सभापति की कुर्सी को गाली देना धमकी देना ये छोटी बात नहीं है. आसन पर संदीप शर्मा बैठे थे, धारीवाल ने उनको गाली दी. विधानसभा की गरिमा को धारीवाल ने खत्म कर दिया. इनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. भाजपा विधायक ने आगे कहा कि राहुल गांधी और खड़गे ने इनका टिकट काट दिया था लेकिन अशोक गहलोत ने टिकट दिलाया. कांग्रेस विधायक राजेंद्र पारीक ने कहा जो भी शांति धारीवाल ने कहा वो स्लिप ऑफ टंग थी.

इस पर संसदीय कार्य मंत्री जोगा राम पटेल ने कहा- जानबूझकर ऐसे शब्दों का प्रयोग किया गया, अपने चरित्र को उजागर कर रहे हैं. हम सबको इस विषय को हंसी-मजाक में नहीं लेना चाहिए. राजस्थान की जनता इस बात को गंभीरता से देखती है कि हम सदन में कैसा व्यवहार कर रहे हैं. मंत्री ने कहा धारीवाल के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.

धारीवाल ने दी सफाई- मजाक में कही थी वो बात

सदन में जारी चर्चा के बीच मामले में स्पीकर ने एक्शन लिया है. धारीवाल दो दिन तक सदन की कार्यवाही में भाग नहीं ले पाएंगे. इधर मामले में धारीवाल ने सदन में कहा कि उन्होंने जो कुछ कहा वो मज़ाकिया अंदाज़ में था. अगर सभापति संदीप शर्मा को बुरा लगा है तो मैं माफ़ी माँगता हूँ. इस पर सभापति स्पीकर देवनानी ने कहा कि आप सदन से माफ़ी माँगिए. बार-बार कहने के बाद धारीवाल ने मांगी माफ़ी. मामले में संदीप शर्मा ने सदन ने कहा- गोविंद सिंह डोटासरा ने ये बात कही कि मैं आसन पर था और मैंने टोका नहीं. मैंने धारीवाल की बात पूरी होने दी. 

संदीप शर्मा ने कहा अभी आप गलती स्वीकार कर रहे हैं. उस दिन सदन में नेता प्रतिपक्ष भी थे और गोविंद सिंह डोटासरा भी थे, उसी समय आपको खेद प्रकट करना चाहिए था. उस रोज सदन के सभापति रहे संदीप शर्मा ने आगे कहा कि धारीवाल के मुंह से जो शब्द निकले , किसी भी भाव से निकले हो , वो अनुभवी है इस विषय में उनको अपनी बात रखनी चाहिए. 

धारीवाल बोले- आसन के अपनाम का मेरा कोई इंटेंशन नहीं था

इधर मामले को तुल पकड़ता देख शांति धारीवाल ने सदन में कहा- करीब 40 साल से लगातार लोकसभा और विधानसभा मुझे जनता के द्वारा भेजा गया हूं. मैं आसान को सर्वोच्च मान कर चलता हूं. आसन का अपमान करने का कोई इंटेंशन मेरा नहीं था. संदीप शर्मा मेरे बेटे के दोस्तों के दोस्त हैं. मैं हमेशा उनको उन्हीं की तरह रखा है. विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवदानी ने कहा विषय संदीप शर्मा का नहीं है उस शब्द का है. धारीवाल ने कहा मैं जब भी उनसे मिलता हूं हल्की-फुल्की बातें करता रहता हूं.  

स्पीकर बोले- ऐसे लोगों को सदन का सदस्य रहने का हक नहीं

धारीवाल ने आगे कहा कि उस दिन जब मुझे उन्होंने रोका तो मुझे लगा, संदीप शर्मा आसन पर नहीं, मेरे सामने बैठे हुए हैं. इसलिए मेरे मुंह से इस प्रकार की बात निकल गई. मैं खुद मानकर चलता हूं वह गलती थी , मैं गलती स्वीकार करता हूं ,वह बात सिर्फ मजाक में थी. धारीवाल के इस बयान पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा बिना शर्त के माफी मांगो. ऐसे शब्दों का प्रयोग लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है. स्पीकर ने यह भी कहा कि मेरी इच्छा थी कि ऐसे सदस्य को आने वाले 4 साल के लिए सदन का सदस्य बने रहने का हक नहीं है.

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