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भारत-पाक बॉर्डर पर खेत में बन रही 100 करोड़ की MD ड्रग, मुंबई से आई थी मशीनें, ओडिशा से जुड़े केमिकल एक्सपर्ट

Rajasthan MDMA Factory: अब तक इस केस में 9 आरोपियों के नाम सामने आए हैं, जिनमें से 6 बाड़मेर जिले के युवा हैं, जिनकी उम्र 20-21 वर्ष के बीच है.

भारत-पाक बॉर्डर पर खेत में बन रही 100 करोड़ की MD ड्रग, मुंबई से आई थी मशीनें, ओडिशा से जुड़े केमिकल एक्सपर्ट
बाड़मेर में इंडो-पाक बॉर्डर के पास खेत में बन रही थी नशे की फैक्ट्री.

Rajasthan News: पाकिस्तान से सटे राजस्थान के बाड़मेर जिले में एक बार फिर ड्रग तस्करों का बड़ा नेटवर्क उजागर हुआ है. सेड़वा थाना क्षेत्र के धोलकिया गांव में घास-फूस की झोपड़ी में छिपाकर बनाई गई एमडी ड्रग फैक्ट्री पर पुलिस ने रेड मारकर करीब 100 करोड़ की ड्रग तैयार करने की सामग्री और उपकरण जब्त किए हैं.  ये कार्रवाई 'ऑपरेशन भौकाल' के तहत की गई, जिसमें बाड़मेर पुलिस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) जोधपुर की टीम ने संयुक्त रूप से बड़ी सफलता हासिल की.

बाड़मेर एसपी नरेंद्र सिंह मीणा ने बताया कि खुफिया सूचना के आधार पर चौहटन सर्कल अधिकारी जीवनलाल और सेड़वा एसएचओ दीप सिंह के नेतृत्व में टीम ने कार्रवाई की. पुलिस के पहुंचते ही तीन आरोपी फरार होने की कोशिश करने लगे. मांगीलाल बिश्नोई (21) निवासी धोलकिया और बिरजू शुक्ला (45) निवासी मुंबई को मौके से गिरफ्तार किया गया, जबकि गणपत सिंह रावणा राजपूत फरार हो गया.

फैक्ट्री में मिला क्या-क्या?

  • 39.25 किलो एमडी ड्रग मिश्रित लिक्विड
  • 290 किलो से ज्यादा केमिकल्स (क्लोरोफॉर्म, अमोनियम क्लोराइड, टोल्यून, एचसीएल, ब्रॉमीन आदि)
  • 5.33 किलो सफेद पाउडर
  • ड्रग मिक्सिंग मशीनें, जेनरेटर, इलेक्ट्रिक फोर्क
  • एमडी ड्रग बनाने की दो रेसिपी शीट
जब्त सामग्री की अनुमानित कीमत ₹4 करोड़ आंकी गई है, जिससे ₹100 करोड़ तक की एमडीएमए ड्रग तैयार की जा सकती थी.

मुंबई से मशीनें, ओडिशा से केमिकल एक्सपर्ट मिले

प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि मुंबई के ड्रग माफिया रमेश उर्फ अनिल बिश्नोई, कमलेश उर्फ कार्तिक बिश्नोई, कमलेश गोदारा और गणपत सिंह ने मिलकर फैक्ट्री का प्लान तैयार किया. मांगीलाल को खेत पर फैक्ट्री लगाने के लिए ₹10 लाख का ऑफर दिया गया, जिसमें से ₹5 लाख नकद में चुका दिए गए. ड्रग निर्माण में ओडिशा के शिवा ने एक्सपर्ट के रूप में भूमिका निभाई. मुंबई की नर्मदा मैडम से लैब उपकरण और मछिंद्र भोसले (महाराष्ट्र) से केमिकल मंगवाए गए. उपकरण जैसलमेर की महादेव नमक फर्म के नाम से मंगवाए गए.

ड्रग माफिया की नजर में क्यों आया बाड़मेर?

  1. भारत-पाक सीमा से सटा इलाका, जांच से बचना आसान.
  2. भारतमाला हाईवे से दिल्ली, मुंबई, गुजरात तक आसान सप्लाई.
  3. रेगिस्तानी गांवों में खेतों में बनी ढाणियां, छुपने की मुफीद जगह.
बाड़मेर का इंटरस्टेट कनेक्टिविटी और दूरदराज इलाकों में पुलिस निगरानी की कमी ने इसे ड्रग माफियाओं का परफेक्ट ठिकाना बना दिया है.

कौन-कौन नामजद?

अब तक इस केस में 9 आरोपियों के नाम सामने आए हैं, जिनमें से 6 बाड़मेर जिले के युवा हैं, जिनकी उम्र 20-21 वर्ष के बीच है. ड्रग माफियाओं ने इन युवाओं को लालच देकर इस गोरखधंधे में उतारा, जो अब न सिर्फ खुद की जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं बल्कि बाड़मेर के युवाओं का भविष्य भी अंधेरे में धकेल रहे हैं.

मास्टरमाइंड पर 1 लाख का इनाम

मुख्य आरोपी रमेश बिश्नोई पर 17 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं और ₹1 लाख का इनाम रखा गया है. इस गिरोह के तार मुंबई, ओडिशा, महाराष्ट्र, राजस्थान से जुड़े हैं. इस गिरोह का प्लान फैक्ट्री से 100 करोड़ की ड्रग बनाकर देशभर में सप्लाई करना था. हालांकि पुलिस ने उनके प्लान पर पानी फेर दिया.

जांच के लिए SIT का गठन

पुलिस अधीक्षक नरेंद्र सिंह मीणा ने बताया कि अब पूरे नेटवर्क की जांच के लिए विशेष SIT टीम गठित कर दी गई है. जैसलमेर, सांचौर, जालौर में संभावित फैक्ट्रियों की जांच की जा रही है. जल्द ही मुंबई पुलिस के साथ मिलकर मुंबई में रेड की जाएंगी और ड्रग सप्लाई चेन और फाइनेंस नेटवर्क को खंगाला जाएगा.

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