
Rajasthan News: राजस्थान में एक ओर जहां सरकार ने गेहूं की सरकारी खरीद तय समय से पहले शुरू करके किसानों को राहत दी है. वहीं दूसरी ओर सरसों की फसल को लेकर किसानों की परेशानियां बढ़ रही हैं. सरसों की कटाई के बाद बाजारों में आवक शुरू हो चुकी है, लेकिन सरकारी खरीद के लिए अभी तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है. ऐसे में किसान अपनी फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम दामों पर बेचने को मजबूर हैं.
समय से पहले तैयार हुई सरसों
श्रीगंगानगर जिले में किसानों की सरसों करीब 10 दिन पहले से ही मंडियों में पहुंचनी शुरू हो गई है. इस बार मौसम अनुकूल रहने से सरसों की फसल समय से पहले पककर तैयार हो गई. जिससे किसानों ने कटाई के तुरंत बाद मंडियों का रुख कर लिया. लेकिन सरकार की ओर से अभी तक खरीद के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है, जिसके चलते किसान को औने-पौने दामों पर अपनी उपज बेचनी पड़ रही है.
मजबूरी में कम दामों पर फसल बेच रहे किसान
सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) इस साल सरकार ने ₹5650 प्रति क्विंटल तय किया है, लेकिन मंडियों में सरसों की कीमतें ₹4800-₹5000 प्रति क्विंटल तक ही मिल रही हैं. सरकारी खरीद शुरू नहीं होने और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में देरी होने से किसान को मजबूरी में अपनी उपज कम दामों पर बेचनी पड़ रही है. इससे किसानों को सीधे नुकसान हो रहा है और उनकी मेहनत का उचित मुआवजा नहीं मिल पा रहा है.
सरकार से रजिस्ट्रेशन जल्द शुरू करने की मांग
किसानों का कहना है कि सरकार ने गेहूं की खरीद प्रक्रिया तो समय पर शुरू कर दी, लेकिन सरसों खरीद के लिए अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. इससे किसानों में नाराजगी है. उन्होंने मांग की है कि सरकार जल्द से जल्द रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू करे, ताकि उन्हें अपनी उपज का उचित मूल्य मिल सके.
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