
Rajasthan News: रंगों का त्योहार होली गुरुवार और शुक्रवार को भरतपुर के भुसावर कस्बा सहित ग्रामीण अंचल में प्रेम, सौहार्द के साथ आपस में भाईचारा के साथ मनाया गया. वहीं भुसावर कस्बे में चप्पे चप्पे पर पुलिस व्यवस्था माकूल नजर आई जो असामाजिक तत्वों पर अपनी निगरानी बनाए रखी. कस्बे में धूलंडी के दिन एक युवक को खिरकारी में होली का दूल्हा बना कर ऊंट पर बैठा कर बैंडबाजो के साथ कस्बे के मुख्य मार्गों से होकर बारात निकाली गई, जो पिछले 250 वर्षों से अनवरत जारी है.
रंग से पुते चेहरे के बाराती हाथों में गुलाल, अबीर उड़ाते हुए बैंड बाजा पर बज रहे होली के गीतों पर नृत्य करते हुए जय घोष लगाकर चल रहे थे. वहीं कस्बे वासियों ने अपने घरों की छत पर चढ़कर गुलाल एवं रंग डालते हुए बारात का स्वागत किया.
जिसकी शादी नहीं होती वह बनता है दुल्हा
भुसावर कस्बे में अनोखी इस होली की बारात कस्बे के जैन गली स्थित जैन मंदिर पहुंची. जहां होली का दूल्हा बने युवक ने तोरण मारा जबकि शगुन के तौर पर होली का दूल्हा बने युवक की पद वेशों से पिटाई की और अगले वर्ष मिलने की कहकर होली का आनंद लेते हुए अपने-अपने घरों को विदा हो गए. वही बुजुर्ग कुंजीलाल शर्मा फूफा जी, टिल्लाराम अरोड़ा, पंडित राघवेंद्र शर्मा, सेवक महेश चन्द जती ने जानकारी देते हुए बताया कि होली के दूल्हे को गंधर्व पर सवार होकर दूल्हा बना कर जैन मंदिर लाया जाता था. लेकिन गंधर्व की कमी होने के कारण अब ऊंट पर लाया जाता है. किदवंती है कि जिस युवक की शादी नहीं हो रही है और कोई व्यवधान, अड़चन उत्पन्न हो रही है. उसे सर्व समिति से होली का दूल्हा बनाया जाता है जिससे उसकी शादी अगले साल तक हो जाती है.
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