Rammandir Nirman Aayodhya: राम जन्मभूमि के लिए वर्ष 1990 में अपने प्राणों को न्योछावर कर बलिदान देने वाले कारसेवक प्रोफेसर महेंद्र नाथ अरोड़ा की 33 वर्ष बाद कल्पना साकार हो रही है. 22 जनवरी को अयोध्या में रामलल्ला के भव्य मंदिर का उद्घाटन होगा उस दौरान पिता महेंद्र नाथ के आत्मा को शांति मिलेगी, यह बातें उनकी पु्त्री वीरा अरोड़ा ने एनडीटीवी से खास बातचीत के दौरान कही.
'साकार हो रहा है पिता के राम मंदिर की कल्पना'
दिवंगत प्रोफेसर महेंद्र नाथ अरोड़ा की पुत्री वीरा अरोड़ा ने कहा इस भावुक क्षण पर अपने पिता के बलिदान को याद करते हुए कहा कि 33 वर्ष बाद अब उनके पिता की यह कल्पना साकार हो रही है. राम मंदिर के भव्य उद्घाटन का श्रेय देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है.
'राम मंदिर के नींव मे एक ईट की तरह हैं पिता'
वीरा ने कहा हमें खुशी है कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है पर दुख इस बात का भी है कि पिताजी इस दुनिया मे नही हैं. वीरा अरोड़ा ने बताया कि उनके पिताजी ने जो मंदिर को लेकर प्राणों की आहुति दी थी, वह अब वर्तमान में नींव के रूप में सिद्ध हो रही है.
'हिंदू धर्म के साथ शिक्षक धर्म भी निभाया'
एनडीटीवी से बात करते हुए कारसेवक सहित महेंद्र नाथ अरोड़ा की पुत्री ने बताया कि उनके पिता विश्वविद्यालय में बतौर अंग्रेजी के प्रोफेसर भी थे और वह अपने कार्य के प्रति बहुत समर्पित रहा करते थे. जहां शिक्षा के मंदिर में शिक्षक धर्म के साथ ही उसे दौरान उन्होंने विश्व हिंदू परिषद और संघ से भी कहीं लोगों को जोड़ा था. रामजन्म भूमि मंदिर ट्रस्ट की ओर से उन्हें मंदिर उद्घाटन कार्यक्रम में निमंत्रण भी भेजा गया है.
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