Diwali Fireworks: दिवाली, छठ, क्रिसमिस और न्यू ईयर पर किसी भी समय होने वाली आतिशबाजी पर अब रोक लगा दी गई है. सुप्रीम कोर्ट एवं राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के निर्णय को ध्यान में रखते हुए नए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. इनके मुताबिक, NCR क्षेत्र को छोड़ते हुए सम्पूर्ण राजस्थान में केवल ग्रीन आतिशबाजी को बेचने व चलाने की अनुमति होगी.
सिर्फ 2 घंटे कर सकेंगे आतिशबाजी
चित्तौड़गढ़ जिला मजिस्ट्रेट आलोक रंजन के अनुसार दीपावली, गुरु पर्व एवं अन्य त्योहार पर रात्रि 8 बजे से 10 बजे, छठ पर्व पर प्रातः 6 से 8 बजे, क्रिसमस एवं न्यू ईयर पर 11.55 PM से 12.30 AM के दौरान ही ग्रीन आतिशबाजी करने की अनुमति दी जाएगी. इतना ही नहीं, अगर त्योहार वाले दिन आपके शहर में एयर क्वालिटी इंडेक्स 'Poor' या उससे खराब है, तो उस दिन किसी को भी आतिशबाजी करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
विस्फोटक नियम के तहत कार्रवाई
डीएम रंजन ने जिले के समस्त कार्यपालक मजिस्ट्रेट, सहायक उप-निरीक्षक से अनिम्न रैंक के समस्त पुलिस अधिकारी, राजस्व निरीक्षक से अनिम्न रैंक के नगर निगम/परिषद/बोर्ड के समस्त अधिकारी, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और समस्त ब्लॉक विकास अधिकारियों को क्षेत्र में राजस्थान सरकार द्वारा जारी इन दिशा-निर्देश की पालना सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि जो इस आदेश की पालना नहीं करे उसके खिलाफ विस्फोटक नियम, 2008 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी.
30 दिनों के जारी होंगे लाइसेंस
डीएम ने बताया कि ग्रीन आतिशबाजी की पहचान के लिए प्रत्येक आतिशबाजी के बॉक्स पर नीरी (NEERI) द्वारा जारी किए गए क्यूआर कोड अनिवार्य होंगे. वर्तमान में दीपावली के त्योहार को देखते हुए ग्रीन पटाखों के अस्थाई लाइसेंस जारी करने का कार्य शुरू कर दिया गया है. संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट नियमानुसार अधिकतम 30 दिवस (दिनांक 05.10.2024 से दिनांक 03.11.2024 तक) के लिए केवल ग्रीन पटाखों के अस्थाई लाइसेंस जारी करेंगे.
पटाखा लाइसेंस के लिए जरूरी दस्तावेज
आवेदकों को निर्धारित प्रारूप में आवेदन पत्र के साथ विक्रय हेतु प्रस्तावित स्थल के ब्ल्यू प्रिंट की चार प्रतियां संबंधित उपखण्ड कार्यालय में प्रस्तुत करनी होगी. साथ ही प्रस्तावित स्थल एवं आस-पास के व्यावसायिक स्थल की स्थिति स्पष्ट अंकित करनी होगी. आवेदन के साथ आवेदक के तीन नवीनतम फोटो एवं पहचान संबंधी दस्तावेजों की प्रमाणित छायाप्रति देनी होगी. स्थल के स्वामित्व संबंधित दस्तावेज की प्रमाणित छायाप्रति देनी होगी.
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