जैसलमेर के पर्यटन व्यवसाय को रेलवे की तरफ से बड़ा तोहफा मिला है. दिल्ली के लिए प्रतिदिन चलने वाली रुणिचा एक्सप्रेस ट्रेन को फिर से शुरू किया जा रहा है, लेकिन दूसरी ओर जैसलमेर से सप्ताह में 4 दिन चलने वाली शालीमार एक्सप्रेस को अब बाड़मेर शिफ्ट कर दिया गया. दिल्ली से जैसलमेर के बीच चलने वाली रुणिचा एक्सप्रेस रेलसेवा को पुनः शुरू करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अभियान शुरू किया गया था.
माहामारी के दौरान बंद हो गई थी यह ट्रेन
कोरोना माहामारी के दौरान ट्रेनें बंद कर दी गई थी फिर जब रेल शुरू की गई तो जैसलमेर व बाड़मेर को वैकल्पिक तौर पर केवल शालीमार एक्सप्रेस दी गई थी. जो सप्ताह में चार दिन जैसलमेर से दिल्ली और तीन दिन बाड़मेर से दिल्ली के लिए संचालित होती थी. लेकिन अब रेलवे बोर्ड ने फिर से दोनों जिलों को अलग-अलग दिल्ली के लिए ट्रेन देने का एलान किया है. ऐसे में जैसलमेर से अब प्रतिदिन दिल्ली के लिए रुणिचा एक्सप्रेस चलेगी. वहीं शालीमार एक्सप्रेस को प्रतिदिन अब बाड़मेर से चलाया जाएगा.
बाबा रामदेव की पुण्य नगरी रुणिचा के नाम पर है ट्रेन
गौरतलब है कि यह रेलसेवा पूर्व में दिल्ली जैसलमेर इंटरसिटी के नाम से चलती थी. फिर बाबा रामदेव के भक्तों ने राष्ट्रीय स्तर पर मुहिम चलाकर इस रेल का नाम बाबा रामदेव की पुण्य नगरी रुणिचा (वर्तमान में रामदेवरा) के नाम रुणिचा एक्सप्रेस करने की मांग की थी. तब 10 मार्च 2019 को तत्कालीन रेलमंत्री पियूष गोयल ने जोधपुर सांसद और मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की मांग और बाबा के भक्तों की भावनाओं का आदर करते हुए इस ट्रेन का नाम रुणिचा एक्सप्रेस करने की घोषणा की थी.
पर्यटन व्यवसाइयों ने लगाया सौतेला व्यवहार करने आरोप
पर्यटन से जुड़े एक धड़े का कहना है कि जैसलमेर टूरिज्म का हब है. रुणिचा एक्सप्रेस के दोबारा शुरू होने की हमें खुशी है, लेकिन यहां बाड़मेर से ज्यादा रेल के संचालन की आवश्यकता है, बावजूद इसके बाड़मेर-जैसलमेर सांसद कैलाश चौधरी ने पिछले 4 साल में सबसे ज्यादा ट्रेनों को बाड़मेर शिफ्ट करवाया है. वहीं अब रूणिचा को जैसलमेर लाए हैं तो शालीमार को पूर्ण रूप से बाड़मेर शिफ्ट कर दिया. जबकि जैसलमेर के पर्यटन को कनेक्टिविटी की ज्यादा आवश्यकता है.
राजस्थानी से टूटा सम्पर्क, रिंगस से गुजरेगी रुणिचा एक्सप्रेस
इस इन्टरसिटी के रूट व समय में भी बदलाव किए जा रहे है. हालांकि अधिकारिक रूट सामने नहीं आया है. इन्टरसिटी एक्सप्रेस (रूणिचा) जयपुर स्टेशन पर नहीं जायेगी. जयपुर की बजाए इन्टरसिटी रिंगस रेलवे स्टेशन पर ठहराव करेगी. जयपुर स्टेशन पर उतरने की चाहत रखने वाले यात्रियों को कुछ दूरी पर ही उतरना होगा.
रूणिचा एक्सप्रेस से पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
यह ट्रेन जैसलमेर के पर्यटन को देखते हुए शुरू की गई थी, लेकिन कोरोना के बाद दिल्ली के लिए सप्ताह में केवल चार दिन ही कनेक्टिविटी मिलने से काफी दिक्कतें आ रही थी. पर्यटन से जुड़े कुछ लोगों का कहना है कि कई सैलानी डेली कनेक्टिविटी के अभाव में रूट बदलने को मजबूर हो जाते थे. आगामी सीजन में इस ट्रेन का काफी फायदा मिलेगा. लम्बे समय से पर्यटन से जुड़े लोग इसकी मांग कर रहे थे. यदि टाइमिंग भी पूर्व की भांति रखा जाता है तो जोधपुर, जयपुर व दिल्ली के लिए सबसे बेस्ट ट्रेन साबित होगी.
ट्रेन की यह हो सकती है समय-सारणी
इन्टरसिटी का समय-सारणी अधिकारिक तौर पर जारी नहीं किया गया है, लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन्टरसिटी एक्सप्रेस जैसलमेर से शाम सात बजे रवाना होकर रात 8.15 बजे आशापुरा गोमट, 8.25 रामदेवरा, 9.05 फलोदी, 9.34 मारवाड़ लोहावट, 10. 14 ओसियां और 11 बजे राइकाबाग व रात 12.05 बजे जोधपुर पहुंचेगी.
ट्रेन संचालन के लिए रेल मंत्री ने दिया था आश्वासन
इससे पहले ट्रेन के संचालन के लिए बाबा रामदेव के भक्तों के प्रतिनिधि मण्डल ने केन्द्रीय जलशक्ति मन्त्री गजेन्द्र सिंह शेखवात से इस संबध में मुलाकात की थी. श्री रामसा भक्त मण्डल नई दिल्ली के प्रतिनिधि मंडल ने अध्यक्ष मोहनलाल सैन की अगुवाई में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात कर पूर्व में दिल्ली और जैसलमेर के बीच चलने वाली रुणिचा एक्सप्रेस को पुनः शुरू करने के लिए ज्ञापन सौंपा था.
अध्यक्ष मोहनलाल सैन ने बताया कि बाबा रामदेव के श्रद्धालुओं के लिए आसानी से सीधा रामदेवरा पहुंचने के लिए और आगामी भादवा मेले को देखते हुए गजेंद्र सिंह शेखावत को ज्ञापन देकर ''रुणिचा एक्सप्रेस'' ट्रेन को पुनः शुरू करने की मांग की थी. इस पर शेखावत ने फोन से प्रतिनिधि मण्डल की उपस्थिति में रेल मंत्री से वार्ता की और रेल को पुनः शुरू करने की मांग की थी. जिस पर अश्वनी वैष्णव ने शेखावत को आश्वासन दिया कि इस सम्बंध में शीघ्र उचित कार्रवाई की जाएगी और अब ट्रेन का संचालन शुरू हो गया.