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Mahakumbh Mela 2025: राजस्‍थान के संत आद‍िवास‍ियों को करोड़ों की प्रॉपर्टी दान कर महाकुंभ में बन गए महामंडलेश्‍वर, दूध और गंगाजल से हुआ अभिषेक 

Rajasthan: स्‍वामी ह‍ितेश्‍वरानंद सरस्‍वती महाराज कटावला मठ के पीठाधीश्‍वर हैं.  उन्होंने कोरोना काल में अपनी करोड़ों की संपत्‍ति‍ आद‍िवास‍ियों के कल्‍याण के ल‍िए दान कर द‍िया था. 

Mahakumbh Mela 2025: राजस्‍थान के संत आद‍िवास‍ियों को करोड़ों की प्रॉपर्टी दान कर महाकुंभ में बन गए महामंडलेश्‍वर, दूध और गंगाजल से हुआ अभिषेक 
वामी ह‍ितेश्‍वरानंद सरस्‍वती महाकुंभ में महामंडलेश्‍वर बने.

Rajasthan: राजस्‍थान के स्‍वामी ह‍ितेश्‍वरानंद सरस्‍वती प्रयागराज महाकुंभ में महामंडलेश्‍वर बने. महाकुंभ में माघ महीने के कृष्‍ण पक्ष की द्वादशी को महामंडलेश्‍वर की उपाध‍ि दी गई. शंकराचार्य के बाद महामंडलेश्‍वर दूसरा सबसे बड़ा पद  सनातन धर्म में माना जाता है. श्री पंचायती अखाड़ा महान‍िर्वाणी अखाड़ा ने उन्हें महामंडलेश्‍वर की उपाध‍ि दी. स्‍वामी ह‍ितेश्‍वरानंद सरस्‍वती उदयपुर सलूंबर और सरेपुर से जुड़े हैं. स्‍वामी ह‍ितेश्‍वरानंद को महामडंलेश्‍वर बनाए जाने पर पूरे मेवाड़ में हर्षोल्लास और खुशी का माहौल है.   

कटावला मठ के पीठाधीश्‍वर हैं हि‍तेश्‍वरानंद  

स्‍वामी ह‍ितेश्‍वरानंद सरस्‍वती का जन्‍म पाली के सुमेरपुर के पास चाणोद में श्रीमाली ब्राह्मण कुल में हुआ था. उनकी माता का नाम हुलासी देवी है. केलवाड़ा के कुंभलगढ़ में उनका नन‍िहाल है. उन्होंने ब्रह्मचारी जीवन से ही सन्‍यास जीवन में प्रवेश क‍िया. कटावला मठ के पीठाधीश्‍वर हैं, जो लगभग 550 साल पुराना है. 

महामंडलेश्‍वर बनने की योग्‍यता 

महामंडलेश्‍वर बनने के ल‍िए शास्‍त्री आचार्य होनी जरूरी होता है. उसके पास वेदांग की पढ़ाई की हो. अगर ऐसा नहीं है तो उसे कथावाचक होना चाहिए, उसके वहां मठ होना जरूरी है. मठ में जनकल्‍याण के ल‍िए सुव‍िधाओं का अवलोकन क‍िया जाता है. सनातन धर्मावलंब‍ियों के ल‍िए स्‍कूल, मंद‍िर और गोशाला है क‍ि नहीं ये देखा जाता है.ऐसे लोगों को महामंडलेश्‍वर बनाया जाता है. तमाम ज‍िम्‍मेदार पद पर रहने वालों को जब सामाज‍िक जीवन से मोहभंग हो जाता है तो वह संन्‍यास ले लेते हैं. ऐसे लोगों को अखाड़े का महामंडलेश्‍वर बनाया जाता है. ऐसे लोगों को सन्‍यास की उम्र में छूट रहती है. इन्हें दो-तीन साल तक संन्‍यास ल‍िए होना जरूरी होता है.  

ये नहीं करना होता है 

  • घर-पर‍िवार के लोगों से दूरी रखनी पड़ती है. संपर्क सामने आने पर अखाड़े से न‍िकाल द‍िया जाता है. 
  • चार‍ित्र‍िक दोष नहीं होना चाह‍िए. 
  • आपराध‍िक छव‍ि के व्यक्त‍ि से संबंध नहीं होना चाह‍िए. 
  • भोग व‍िलास‍िता वाला जीवन नहीं होना चाह‍िए .
  • मांस और शराब का सेवन नहीं करने वाला होना चाह‍िए. 

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