Rajasthan News: रिफाइनरी के पास हिरागढ़ क्षेत्र में नमक खानों का निर्माण शुरू होगा. नमक उद्योग लगाने के लिए करीब 500 बीघा जमीन आरक्षित की गई है. जिला जिला कलेक्टर सुशील कुमार और नमक उत्पादक संघ की बैठक हुई. बैठक में बारिश के बाद कार्य शुरू करने पर सहमति बनी है.
पचपदरा में 198 नमक खान पाट दिए गए
पचपदरा में रिफाइनरी निर्माण के कारण 198 नमक खानों को पाट दिया गया था, जिसको लेकर इस नमक उद्योग से जुड़ें लोगों ने विरोध प्रदर्शन भी किये और मुआवजे की मांग की. 2013 में रिफाइनरी के लिए जमीन का चयन किया गया. तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शिलान्यास किया था. इसके बाद 2018 में रिफाइनरी का निर्माण शुरू हुआ. रिफाइनरी के लिए आवंटित जमीन पर बनी 198 नमक खानों को पाट दिया गया.
हिरागढ़ में 500 बीघा जमीन का आवंटन किया गया
नमक उद्योग से जुड़े खारवाल समाज के लोगों ने नई जगह खानों को बनाने व मुआवजे की लंबे समय तक मांग की. सुनवाई नहीं होने पर उन्होंने हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया. तब सरकार ने रिफाइनरी के पास हिरागढ़ में 500 बीघा जमीन का आवंटन किया. नई खानों के निर्माण के लिए 5 करोड़ की राशि स्वीकृत की. इसके बाद इसे बढ़ाकर 7 करोड़ 85 लाख कर दिया.
कभी नमक उत्पादन के जाना जाता था बालोतरा
कभी इस इलाके में 1200 नमक के खान थे. अब आधी खानें रह गई हैं. कभी यह इलाका नमक का बड़ा व्यापारिक केंद्र हुआ करता था, यहां रेलवे स्टेशन के साथ लवण विभाग का कार्यालय भी बना हुआ था. समय के साथ नमक उत्पादन में कमी के कारण इस कारोबार से जुड़े लोगों ने दूसरा कारोबार शुरू किया. इसकी वजह से लवण विभाग ने भी यहां से कार्यालय बन्द कर दिया.
वर्तमान में 443 नमक खानो में नमक का उत्पादन
बाद में रेलवे ने भी यहां से अपनी रेल लाइन हटा दी, जिसके चलते यह उद्योग बन्द होने की कगार पर आ गया. कुछ लोग ही अब इस नमक कारोबार से जुड़े हुए हैं. वर्तमान में 443 नमक खानो में ही नमक उत्पादन का कार्य जारी है. बाकी खान बंद होने के साथ क्षतिग्रस्त हो गई है. क्षारीय इलाके में गहराई तक बनी इन नमक खानों में बारिश के पानी जमा होने के बाद नमक बनने की प्रक्रिया शुरू होती है. अब इस इलाके में रिफाईनरी की चमक के आगे यह नमक उद्योग अपनी अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है.
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