
Save Kekri District Movement: राजस्थान के अजमेर जिले का एक महत्वपूर्ण हिस्सा केकड़ी इस समय स्वतंत्र जिला का अस्तित्व रखता है. लेकिन केकड़ी के जिला दर्जा पर खतरा मंडरा रहा है. पिछले साल गहलोत राज में 17 मार्च 2023 को इसे एक नया जिला घोषित किया गया था, जिसमें पांच उपखंडों और छह तहसीलों को शामिल किया गया है. 2023 में विधानसभा चुनाव का आचार संहिता लगने से कुछ दिनों पहले अजमेर जिले से केकड़ी को अलग जिला बनाया गया था.
जिला बनते विकास ने पकड़ी थी रफ्तार
केकड़ी को जिला बनने के बाद केकड़ीवासियों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी थी. वहां औद्योगिक, सामाजिक, धार्मिक और प्रशासनिक स्तर पर तेजी आने लगी. लेकिन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ द्वारा दिए गए एक बयान के बाद से राजस्थान में बने सात-आठ नए जिलों को खत्म करने वाले बयान के बाद से ही केकड़ी जिले में रहने वाले लोगों को अब जिला खत्म होने की चिंता सता रही है.
केकड़ी से एसपी हटाए जाने के बाद अटकलें तेज
मदन राठौड़ के बयान के साथ-साथ बीते दिनों सरकार द्वारा किए गए आईपीएस अधिकारियों के तबादले में केकड़ी से एसपी हटाए जाने के बाद जिला का दर्जा खत्म किए जाने की चर्चा हो गई है. ऐसी ही स्थिति सांचौर, शाहपुरा, गंगापुर सिटी की भी है. ऐसे में इन सभी जिलों में विरोध-प्रदर्शन जारी है.

केकड़ी जिला बचाओ आंदोलन पर बैठे लोग.
केकड़ी जिला बचाव संघर्ष समिति के आह्वान पर रही बंदी
केकड़ी जिला खत्म ना हो इसको लेकर केकड़ी जिला बचाव संघर्ष समिति के तत्वाधान में शनिवार को संपूर्ण केकड़ी जिला विरोध स्वरूप बंद रखा गया. वहीं रविवार को भी बंद रख कर विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा. वहीं इस प्रदर्शन के दौरान स्थानीय भाजपा नेताओं ने चुप्पी साथ रखी है.
जिला खत्म होने पर इन विभागों पर पड़ेगा असर
जिला बनने के बाद यहां पांच पंचायत समितियां, पांच उपखण्ड कार्यालय, एक नगर परिषद, चार नगर पालिकाएं, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय, जिला परिवहन कार्यालय, जिला उप निदेशक कृषि विभाग, जिला चिकित्सालय, कृषि महाविद्यालय, राजकीय मॉडर्न नर्सिंग महाविद्यालय, डीम्ड विश्वविद्यालय, और होम्योपैथिक विश्वविद्यालय जैसे महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालय कार्यरत हो चुके हैं.
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औद्योगिक दृष्टि से केकड़ी हुआ मजबूत
औद्योगिक दृष्टि से केकड़ी मुख्य रूप से कृषि मंडी, तेल मिलों और ऊनी धागा मिलों के लिए जाना जाता है. बिसलपुर बांध के कारण क्षेत्र की कृषि गतिविधियों और उद्योगों को भरपूर पानी मिल रहा है जिससे यहाँ की अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिल रही है. और यहां पर होने वाले व्यापारों में तेजी आई है.

जिला बचाने की जंग.
धार्मिक एवं सांस्कृतिक धरोहर केकड़ी की पहचान
केकड़ी अपनी ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहर के लिए भी प्रसिद्ध है. इस क्षेत्र का नाम केकड़ाधीश बालाजी के नाम पर पड़ा है. यहां स्थित प्रमुख मंदिरों में केकड़ाधीश बालाजी मंदिर, पारा गांव में भगवान शिव का प्राचीन मंदिर और बघेरा गांव में श्री शांतिनाथ भगवान का जैन मंदिर शामिल हैं.
देवनारायण का प्राचीन मंदिर भी केकड़ी में
चारभुजा मंदिर, बिजनान माता मंदिर, लक्ष्मीनाथ जी मंदिर, और शिव मंदिर भी यहां की धार्मिक धरोहर को समृद्ध करते हैं. केकड़ी से 12 किलोमीटर दूर स्थित मीणो के नयागांव में भगवान देवनारायण का प्राचीन मंदिर है जहां हर साल भाद्रपद शुक्ल सप्तमी के दिन एक विशाल मेले का आयोजन होता है.
इस अवसर पर यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित होते हैं और पवित्र प्रसादी का आनंद लेते हैं. इसके अलावा बघेरा गांव का वराह अवतार मंदिर जो अजमेर-कोटा रोड पर स्थित है भी एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है.यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता, हरे-भरे खेत, और पहाड़ियों से घिरी यह भूमि पर्यटकों को भी आकर्षित करती है.
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