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This Article is From Oct 17, 2023

गाली-गलौज के बाद तहसीलदार ने युवक को मुर्गा बनाया, अब तूल पकड़ रहा है मामला

गत 8 अक्टूबर को पीड़ित युवक को पुलिस ने शांति भंग करने के आरोप में धारा-151 के तहत पीड़ित युवक मुकेश कुमार को गिरफ्तार किया था. आरोप है कि पहले पुलिस ने उसके हाथ पैर बांधकर उसके मारपीट की और पेशी के दौरान तहसीलदार द्वारा उसके साथ गाली-गलौज की गई और फिर सजा के तौर पर मुर्गा बनने के लिए मजबूर किया गया.

गाली-गलौज के बाद तहसीलदार ने युवक को मुर्गा बनाया, अब तूल पकड़ रहा है मामला
Sikar:

जिले के दादिया थाना इलाके में एक जमीनी विवाद मामले में शांति भंग में गिरफ्तार किए गए युवक मुकेश कुमार के साथ पुलिस द्वारा हाथ-पैर बांधकर मारपीट किया और जब पीड़ित को तहसीलदार के सामने पेश किया तो तहसीलदार पहले युवक के साथ गाली-गलौज करने और पीड़ित को मुर्गा बनाने का मामला तूल पकड़ लिया है.

मामले में सीसीटीवी फुटेज उजागर होने के बाद सोमवार को सीकर सांसद स्वामी सुमेधानन्द सरस्वती, पूर्व विधायक रतन जलधारी व भाजपा जिला अध्यक्ष पवन मोदी सहित कई पदाधिकारी पुलिस अधीक्षक व जिला कलेक्टर पहुंचे और सौंपे ज्ञापन में मामले की निष्पक्ष जांच करने और दोषी के खिलाफ उचित कार्यवाही करने की मांग की है. 

आरोपी तहसीलदार सज्जन कुमार लाटा ने सफाई देते हुए कहा है कि सीसीटीवी में आप देख सकते हैं कि मैं उस तरफ देख भी नहीं रहा था, उस तरफ तो मेरी पीठ है. अब उसने खुद मुर्गा बना था या नहीं, इसमें उनकी किसी तरह की भूमिका नहीं है.

गौरतलब है गत 8 अक्टूबर को पीड़ित युवक को पुलिस ने शांति भंग करने के आरोप में धारा-151 के तहत पीड़ित युवक मुकेश कुमार को गिरफ्तार किया था. आरोप है कि पहले पुलिस ने उसके हाथ पैर बांधकर उसके मारपीट की और पेशी के दौरान तहसीलदार द्वारा उसके साथ गाली-गलौज की गई और फिर सजा के तौर पर मुर्गा बनने के लिए मजबूर किया गया.

मामला तूल पकड़ने लगा तो मंगलवार दोपहर सीकर सांसद स्वामी सुमेधानन्द सरस्वती, पूर्व विधायक रतन जलधारी ने पुलिस अधीक्षक व जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर मामले की निष्पक्ष जांच करने और आरोपी अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्यवाही करने की मांग की. मामले पर सीकर सांसद ने कहा कि जमीनी विवाद को लेकर शांति भंग के तहत युवक को गिरफ्तार किया गया और उसके मारपीट की गई और तहसीलदार के सामने पीड़ित को मुर्गा बनाया गया.

सांसद स्वामी सुमेधानन्द सरस्वती ने कहा कि भाजपा ऐसे अधिकारियों के खिलाफ आंदोलन करेगी, उन्हें नहीं बख्शेगी. लोकतंत्र में 151 के मुकदमे में कुछ नहीं होता है. तहसीलदार को पीड़ित मुर्गा बनाने का अधिकार किसने दिया. उन्होंने कहा कि पुलिस अधीक्षक व कलेक्टर से मिलकर मामले में तहसीलदार व थानेदार को निलंबित करने की मांग रखी गई है.

मामले पर पुलिस अधीक्षक परिस देशमुख ने जानकारी देते हुए कहा कि एक व्यक्ति ने ऑफिस में पेश होकर रिपोर्ट दी थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि जमीनी विवाद में पुलिस द्वारा 151 में गिरफ्तारी के बाद उसके साथ मारपीट की गई और तहसीलदार के सामने उसे मुर्गा बनाया गया. उन्होंने बताया कि मामले में पुलिस की भूमिका को लेकर सीओ ग्रामीण को जांच सौंपी गई है. मामले में किसी पुलिस करने की गलती पाई जाती है तो नियमानुसार उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी.

वहीं, मामले की जानकारी देते हुए आरोपी तहसीलदार सज्जन कुमार लाटा ने कहा कि गत 8 तारीख को दादिया थाना पुलिस ने 151 के आरोपी को उनके सामने पेश किया था. उन्होंने आरोपी को रूटिंग प्रक्रिया के तहत जमानत दे दी. सोमवार सुबह उन्हें सीसीटीवी के बारे में पता चला, लेकिन मैंने तो आरोपी की जमानत कर दी थी. मामले पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि सीसीटीवी में आप देख सकते हैं कि मैं उस तरफ देख भी नहीं रहा था, उस तरफ तो मेरी पीठ है. अब उसने खुद मुर्गा बना था या नहीं, इसमें उनकी किसी तरह की भूमिका नहीं है.

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