Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा के लम्बित प्रश्नों पर अध्यक्ष देवनानी ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव सहित वरिष्ठ अधिकारियों की विधानसभा में उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है. जिसमें अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि विधानसभा आमजन की समस्या के समाधान का सशक्त प्लेटफार्म है.
विधायकों द्वारा जन समस्याओं के संबंध में उठाये गये मुद्दों के निराकरण विधानसभा के पवित्र सदन में होना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के अधिकारीगण समस्याओं के निराकरण करने में सहयोगी बने और अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन समय सीमा में करना सुनिश्चित करें.
अधिकारियों को दिये सख्त निर्देश
देवनानी ने कहा कि प्रश्नों के जवाब लम्बे समय तक विधानसभा को प्राप्त नहीं होना चिन्ता का विषय है. उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये कि विधानसभा के प्रश्नों के जवाब समय सीमा में भेजा जाना सुनिश्चित करें. यह महत्वपूर्ण कार्य है. सोलहवीं राजस्थान विधानसभा के तीसरे सत्र से पहले 20 जनवरी तक सभी प्रश्नों के जवाब विधानसभा को आवश्यक रूप से भेजे. देवनानी ने चिकित्सा और स्वास्थ्य, स्वायत्त शासन विभाग, शिक्षा विभाग, ऊर्जा विभाग, नगरीय विकास विभाग और गृह विभाग का नाम प्रमुखता से लेकर कहा कि इन विभागों में विधानसभा के प्रकरण अधिक संख्या में लम्बित है.
कैम्प लगाये और निस्तारण करें
देवनानी ने कहा कि विधानसभा से संबंधित प्रश्नों के मामले में विभाग के अधिकारियों के साथ कैम्प लगाकर युद्ध स्तर पर कार्य निस्तारण की कार्यवाही करें. उन्होंने कहा कि यह गभीर मामले है इन्हें समय से निर्णित किया जाना आवश्यक है. विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने कहा कि यदि इन मामलों में कोई समस्या है तो बताये और उसके साथ ही समस्या के निराकरण के मार्ग भी सुझाये, ताकि परिणाम दायक कार्य हो सके.
विधानसभा के प्रति संवेदनशील बने
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने कहा कि अधिकारीगण विधानसभा के प्रति संवेदनशील बने. सदन में 200 विधायकगण बैठते हैं. राज्य सरकार भी यहां राज्य कार्यों को सम्पादित करती है. उन्होंने कहा कि अधिकारीगण विधानसभा को गम्भीरता से ले. अधीनस्थ अधिकारियों की कार्य व्यवस्था को प्रभावी बनाये और परिणाम देने वाला परिश्रम करें.
विभागों में बने प्रकोष्ठों को सुदृढ करें
देवनानी ने अधिकारियों से पूछा कि प्रश्नों के जवाब भेजने में क्या कठिनाई है? क्यों प्रश्नों के जवाब लम्बित रहते है. किस स्तर पर विधानसभा के कार्यों को गम्भीरता से नहीं लिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मुझे पीडा है कि प्रश्नों के जवाब निर्धारित समय सीमा में नहीं आ रहे है. देवनानी ने कहा कि प्रत्येक विभाग में विधानसभा प्रकोष्ठ संचालित होने के बावजूद भी प्रश्नों के जवाब नहीं आना दु:खद है.
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