मीठा करेला: सेहत का खजाना, स्वाद का मेल

ककोड़ा, मीठा करेला, स्वाद और सेहत का खजाना है. पोषक तत्वों से भरपूर, यह वजन घटाने, पाचन सुधारने और मधुमेह नियंत्रण में मदद करता है.

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ककोड़ा या मीठा करेला.

Health News: करेले का नाम सुनते ही मुंह में कड़वाहट घुल जाती है, लेकिन क्या आपने मीठे करेले यानी ककोड़े के बारे में सुना है? यह एक ऐसी सब्जी है, जो न सिर्फ स्वादिष्ट है, बल्कि सेहत के लिए भी वरदान है.

ककोड़ा दो तरह का होता है- मीठा और कड़वा. कड़वा ककोड़ा खाने में ज्यादा स्वादिष्ट माना जाता है, लेकिन यह कम मिलता है. यह आसानी से उगने वाली सब्जी हर घर में अपनी जगह बना सकती है.

पोषक तत्वों का भंडार

ककोड़ा पोषण से भरपूर है. इसमें विटामिन बी12, विटामिन डी, कैल्शियम, जिंक, कॉपर और मैग्नीशियम जैसे तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. कम कैलोरी और ज्यादा फाइबर होने की वजह से यह वजन घटाने में मदद करता है. यह पाचन तंत्र को मजबूत रखता है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत देता है.

सेहत के लिए वरदान

आयुर्वेद में ककोड़े को औषधि माना जाता है. वाराणसी के आयुर्वेदाचार्य अनिरुद्ध पांडेय के अनुसार, यह कई बीमारियों से बचाव और इलाज में कारगर है. यह सिरदर्द, बालों का झड़ना, कान दर्द, पेट के इंफेक्शन, बवासीर और पीलिया जैसी समस्याओं में राहत देता है.

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इसका निम्न ग्लाइसेमिक इंडेक्स मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद है. बारिश में होने वाले दाद, खाज, खुजली, लकवा, सूजन, बेहोशी, आंखों की समस्या, बुखार और रक्तचाप जैसी समस्याओं में भी यह लाभकारी है.

कैसे खाएं ककोड़ा?

ककोड़े की बाहरी सतह छीलकर इसे सब्जी, करी या भजिए के रूप में बनाया जा सकता है. यह स्वाद और सेहत का अनोखा मेल है. हालांकि, गर्भवती महिलाओं और दवाएं ले रहे लोगों को इसका सेवन डॉक्टर की सलाह से करना चाहिए.

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क्यों है खास?

ककोड़ा न सिर्फ खाने में आसान है, बल्कि यह हर मौसम में सेहत को दुरुस्त रखने का प्राकृतिक उपाय है. इसे अपने आहार में शामिल कर आप स्वस्थ और स्वादिष्ट जीवन का आनंद ले सकते हैं.

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