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Rajasthan Election Results 2023: राजस्थान के चुनावी रण का परिणाम अब सामने आने लगा है. इस चुनावी समर में हर योद्धा ने अपनी ओर से विधानसभा सीट पर विजय हासिल करने के लिए पूरी ताकत लगाई है. वहीं कुछ ऐसी विधानसभा सीटें ऐसी हैं जिनका परिणाम हर कोई जानना चाहता है.
ऐसी ही हॉट सीट है तारानगर विधानसभा सीट; राजस्थान की तारानगर विधानसभा सीट के ऊपर भी हर किसी की नजर थी. तारानगर विधानसभा सीट पर राजस्थान के दो बड़े सूरमा मैदान में थे. जिनके शब्दकोश में पराजय शब्द नहीं है. राजस्थान के दिग्गज नेता राजेंद्र राठौड़ इस बार कांग्रेस के अभेद्द किले तारानगर को भेदने के लिए इस बार तारानगर से मैदान में उतरे हैं.
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में तारानगर विधान सभा क्षेत्र के लिए मतों गिनती अंतिम चरण में है. इसमें राजेंद्र राठौड़ भाजपा से, नरेंद्र बुदानिया कांग्रेस से इस सीट से मुख्य प्रत्याशी हैं. इसके साथ ही कुछ स्वतंत्र उम्मीदवार भी चुनाव को त्रिकोणीय बना रहे थे.
चूरू की 6 सीटों में सबसे ज्यादा मतदान तारानगर सीट पर
तारानगर में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नरेंद्र बुडानिया ने राजेंद्र राठौड़ के सामने कड़ी चुनौती पेश की थी. ऐसे में लग रहा था कि राजेंद्र राठौड़ तारानगर में आकर फंस गए हैं. मगर तारानगर के द्वंद में दोनों ही नेता एक दूसरे पर तीखे बाण चलाते हुए नजर आए थे. तारानगर का चुनावी संग्राम कितना भीषण रहा इसकी बानगी यह है कि चूरू जिले की 6 विधानसभा सीटों में से सबसे ज्यादा मतदान तारानगर विधानसभा सीट पर हुआ है.
राठौड़ के लिए तारानगर नहीं रहा आसान
तारानगर में चुनाव प्रचार के दौरान काफी गर्मा-गर्मी देखी गई थी. सूत्र बताते हैं कि तारानगर राजेंद्र राठौड़ के लिए आसान नहीं रहा, वजह भी साफ है कि जाट बाहुल्य वाली सीट पर पहले से ही कांग्रेस का कब्जा रहा है. ऐसे में राजेंद्र राठौड़ को तारानगर में कड़ा संघर्ष करना पड़ा था. तारानगर में कांग्रेस पार्टी ने नरेंद्र बुडानिया के रूप में राजेंद्र राठौड़ के सामने बड़ी चुनौती दी है.
कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगाने में असफल रहे राठौड़
तारानगर को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. आजादी के बाद से यहां पर कांग्रेस का ही कब्ज़ा रहा है. कांग्रेस के इस गढ़ में बीजेपी ने पहली बार वर्ष 2008 के चुनाव में सेंध लगाई थी. तब भी बीजेपी ने राजेन्द्र राठौड़ को ही चुनाव मैदान में उतारा था. उसके बाद हुए चुनाव में राजेन्द्र राठौड़ फिर अपने पुराने विधानसभा क्षेत्र चूरू चले गए थे. उसके बाद 2013 में फिर बीजेपी ने यहां जीत का परचम लहराया, लेकिन 2018 में यह सीट फिर कांग्रेस के खाते में चली गई थी. और इस बार फिर से कांग्रेस ने इस सीट पर कब्ज़ा कर लिया है.
बीजेपी ने फिर चला राजेंद्र राठौड़ पर दाव
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नरेंद्र बुडानिया तारानगर से मौजूदा विधायक हैं. और बड़े जाट नेता माने जाते हैं. ऐसे में उनके सामने इस बार बीजेपी ने सीट को हथियाने के लिए अपने दिग्गज नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ को मैदान में उतारा है. लिहाजा इस सीट पर सभी की नजरें लगी हुई थी. मगर अब स्थिति साफ़ हो चुकी है. हरियाणा सीमा से सटी इस सीट का चुनाव हर मामले में चर्चा में बना हुआ था.
बुडानिया के पक्ष में राहुल तो राठौर के पक्ष में मोदी ने की जनसभा
कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों के लिए यह सीट कितनी अहम थी इसका अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि इस विधानसभा सीट पर कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों के दिग्गज नेता चुनावी प्रचार करने पहुंचे थे. कांग्रेस की ओर से जहां एक ओर कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सीएम अशोक गहलोत, सचिन पायलट, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा जैसे बड़े नेताओं ने चुनाव रैली की थी, तो वही राजेंद्र राठौड़ की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशाल जनसभा करते हुए दिखाई दिए थे.
तारानगर सीट पर हुआ सर्वाधिक मतदान
चुनाव आयोग के अनुसार चूरू जिले की 6 विधानसभा सीटों के 16 लाख 37 हजार 687 मतदाताओं में से 25 नवंबर को सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक 74.78 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. जिले की तारानगर, सरदारशहर और चूरू में हुई घटनाओं के अलावा मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हुआ, इनमें तारानगर विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक 82.30 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है. तारानगर में 2013 में 77. 71 फीसदी मतदान हुआ था. जबकि 12018 में 75.15 फीसदी मतदान हुआ था.