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जैसलमेर में होगा तीनों सेनाओं का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास, पीएम मोदी भी होंगे शामिल 

भारत-शक्ति' युद्धाभ्यास में तीनों सेनाएं भारत में निर्मित हथियारों की ताकत का प्रदर्शन करेंगी. इस अभ्यास में केवल स्वदेशी भारत में विकसित किए गए वेपन प्लेटफॉर्म और तमाम सिस्टम को शामिल किया जा रहा है.

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जैसलमेर में होगा तीनों सेनाओं का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास, पीएम मोदी भी होंगे शामिल 
(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Rajasthan News: राजस्थान में एक साथ तीनों सेनाओं का शौर्य दिखने वाला है. हमारे देश के जवान अपने पराक्रम से दुनिया को यह संदेश देना चाह रहे हैं कि भारत की सेना किसी से कमजोर नहीं है. इसी क्रम में जैसलमेर की परमाणु परीक्षण की धरती पोकरण पर देश की तीनों सेनाएं अब तक का सबसे बड़ा युधाभ्यास करने जा रही हैं. बता दें कि एशिया की सबसे बड़ी फिल्ड फायरिंग रेंज पोकरण में ही स्थित है. वहां आगामी दिनों में 'भारत शक्ति' युद्धाभ्यास होने जा रहा है. जिसमें आत्मनिर्भर भारत की झलक देखने को मिलेगी. इस अभ्यास के साक्षी बनने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 मार्च को जैसलमेर आ सकते है.

भारत-शक्ति' युद्धाभ्यास में तीनों सेनाएं भारत में निर्मित हथियारों की ताकत का प्रदर्शन करेंगी. इस अभ्यास में केवल स्वदेशी भारत में विकसित किए गए वेपन प्लेटफॉर्म और तमाम सिस्टम को शामिल किया जा रहा है. सैन्य सूत्रों की माने तो इस अभ्यास में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान समेत तीनों सेनाओं के अधिकारी भी हिस्सा लेंगे.

पीएम मोदी देंगे आत्मनिर्भरता का संदेश

सैन्य सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पीएम मोदी पोकरण फायरिंग रेंज में इस युद्धाभ्यास के माध्यम से देश के जाबाज जवानो में जोश भरने के साथ साथ आत्मनिर्भरता का संदेश दे सकते है. प्रधानमंत्री मोदी सैन्य मामलों में रणनीति-आधारित क्रांति विकसित पर जोर दे सकते है. जिसके तहत भारत, भारतीय भूगोल और इसके सुरक्षा खतरों से निपटने की रणनीति शामिल होगी. युद्धाभ्यास में हिन्दुस्तान में तैयार और विकसित किए गए डिफेंस प्लेटफॉर्म्स और नेटवर्क सिस्टम का परीक्षण किया जाएगा. जिसके चलते स्वदेशी हथियारों की ताकत के बारे में भी सबको पता चल सकेगा.

स्वदेशी हथियार का होगा परीक्षण 

भारत-शक्ति युद्धाभ्यास में तेजस लड़ाकू विमान के अलावा K-9 आर्टिलरी गन, पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर्स, शॉर्ट रेंज की मिसाइलें और स्वदेशी ड्रोन सिस्टम का प्रदर्शन देखने को मिलेगा. वहीं इस युद्धाभ्यास में स्वदेशी कम्युनिकेशन और नेटवर्क की क्षमता का परीक्षण किया जाएगा. जिससे इस बात का पता लगाया जा सके कि क्या दुश्मन देश युद्ध के हालात में उन्हें हैक कर सकता है या नहीं. इसके साथ ही 'भारत शक्ति' युद्धाभ्यास में तीनों सेनाओं को एक साथ काम करने का मौका मिलेगा. आमतौर पर तीनों सेनाएं अलग-अलग तरीके से काम करती हैं.

इंडियन आर्मी, नेवी और एयरफोर्स भी बनेंगे आत्मनिर्भर

भारतीय सेना लगभग 100 प्रतिशत स्वदेशी हो चुकी हैं. लेकिन अब इंडियन आर्मी के साथ-साथ इंडियन नेवी और इंडियन एयरफोर्स को भी 100 फीसदी आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया जा रहा है. इसी कड़ी में सरकार चाहती है कि पनडुब्बी बनाने में और एयरक्राफ्ट इंजन के निर्माण में स्वदेशी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाए. वर्तमान में सरकार को एयरक्राफ्ट इंजन या फिर कुछ सबसे बेहतरीन लड़ाकू विमानों के लिए विदेशी मुल्कों पर निर्भर होना पड़ता है.

वायु शक्ति 2024 में भी आने वाले थे पीएम मोदी 

17 फरवरी को जैसलमेर की पोकरण फिर रेंज मेंआयोजित हुए व्यू शक्ति 2022 आयोजित हुए. वायु शक्ति 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जैसलमेर आने की चर्चा थी. लेकिन वो नही आए थे. लेकिन इस बार माना जा रहा है कि पीएम मोदी अब तक के सबसे बड़े युद्धअभ्यासों में से एक भारत शक्ति युद्धभ्यास में जैसलमेर आ सकते है.

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