![युवती ने युवक को किया था आत्महत्या करने पर मजबूर, कोर्ट ने दी 10 साल की सजा और 50 हजार का जुर्माना युवती ने युवक को किया था आत्महत्या करने पर मजबूर, कोर्ट ने दी 10 साल की सजा और 50 हजार का जुर्माना](https://c.ndtvimg.com/2024-04/pi56sh18_sriganganagar-court_625x300_22_April_24.jpg?im=FitAndFill,algorithm=dnn,width=773,height=435)
Rajasthan News: राजस्थान के श्रीगंगानगर में एक युवती को कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है. बताया जाता है कि सेक्स स्कैंडल में फंसाने का डर दिखाकर एक व्यक्ति को आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने के मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने न्यायिक अभिरक्षा में चल रही एक युवती को दोषी मानते हुए 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. इसके अलावा इस युवती पर 50000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना राशि अदा नहीं करने की सूरत में युवती को एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.
4 साल पहले राजेंद्र ने की थी आत्महत्या
अपर लोक अभियोजक एडवोकेट राजीव कौशिक ने बताया कि यह फैसला जिला जज डॉ महेंद्र के एस सोलंकी ने सुनाया. उन्होंने बताया कि बसंती चौक के निकट चावला कॉलोनी निवासी राधेश्याम साईं के पुत्र राजेंद्र साईं ने 2020 में कोतवाली थाना में एक रिपोर्ट दी थी. जिसमें बताया गया था कि 10 जुलाई 2020 की सुबह उसके पिता ने कमरे में फांसी लगा ली थी. राजेंद्र साईं ने बाद में कमरे में रखा बैग संभाला तो उसमें दो सुसाइड नोट बरामद हुए जिसमें उसके पिता द्वारा जयपुर निवासी पायल गुप्ता और सुधीर त्यागी द्वारा उसको सेक्स स्कैंडल में फंसा कर और होटल संचालक करण सिंह के साथ मिलकर रुपए ऐंठने, धमकाने और आत्महत्या करने पर मजबूर करने की बात लिखी हुई थी. इसके बाद राजेंद्र साईं ने उसके पिता का मोबाइल चेक किया तो उसमें पायल गुप्ता, सुधीर त्यागी और करण सिंह द्वारा व्हाट्सएप मैसेज द्वारा तंग परेशान कर आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले मैसेज भेजे हुए थे. राजेंद्र साईं ने बताया कि उसके पिता को डरा कर इन आरोपियों ने ढ़ाई लाख रुपए भी ले लिए. इसके बाद कोतवाली पुलिस ने पायल गुप्ता, सुधीर त्यागी और करण सिंह तथा अन्य सहयोगियों के खिलाफ कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया.
नाम बदल कर करते थे चैटिंग
एडवोकेट राजीव कौशिक ने बताया कि पुलिस की जांच पड़ताल में सामने आया कि ज्योति शर्मा निवासी मल्हारगढ़ जिला मंदसौर ही पायल गुप्ता बन कर राधेश्याम को फोन और व्हाट्सएप पर चैटिंग कर रही थी. इसी तरह ललित गुप्ता उर्फ ललित बैरवा ही करण सिंह बनाकर राधेश्याम को ब्लैकमेल कर रहा था. पुलिस ने दोनों की तलाश शुरू कर दी और दोनों को जयपुर से गिरफ्तार कर लिया. इस दौरान बीमारी के चलते ललित बैरवा को पैरोल पर छोड़ दिया गया. सोमवार को कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सभी सबूतों के आधार पर ज्योति शर्मा को दोषी करार दिया है.
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