![आदिवासियों के गढ़ प्रतापगढ़ में दांव पर लगी कई दिग्गजों की साख, रोचक हो सकता है नतीजा आदिवासियों के गढ़ प्रतापगढ़ में दांव पर लगी कई दिग्गजों की साख, रोचक हो सकता है नतीजा](https://c.ndtvimg.com/2023-11/0pjvmjvo_bjp-congress-flag_625x300_03_November_23.jpg?im=FitAndFill,algorithm=dnn,width=773,height=435)
Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव का मतदान 25 नवंबर 2023 को हो चुका है. अब नतीजों का इतंजार है. काउंटिंग तीन दिसंबर को होनी है. इससे पहले संभावित नतीजों पर कयासबाजी जारी है. कयासबाजी में जनजाति अंचल कहे जाने वाले प्रतापगढ़ जिले से जो बातें छनकर आ रही है, उसके अनुसार यहां इस बार के नतीजे रोचक रह सकता है.
जिले में इस बार मुख्य रूप से तीन पार्टियां मैदान में रही हैं. जिस कारण से मतदान अधिक किसको हुआ है यह कहना मुश्किल होता जा रहा है. इस चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी का समीकरण भारत आदिवासी पार्टी ने पूरी तरह से बिगाड़ दिया है. इस बार भारत आदिवासी पार्टी के प्रत्याशियों को ग्रामीण क्षेत्र में भारी समर्थन मिला है. जिले की दोनों सीटों में यह अंदाजा नहीं लगाया जा सकता की कौन जीत रहा है.
दांव पर लगी साख
प्रतापगढ़ जिले में इस बार विधानसभा चुनाव में कई नेता हैं जिनकी साख दांव पर लगी हुई है. कांग्रेस के विधायक व प्रत्याशी रामलाल मीणा व भाजपा से पूर्व मंत्री नंदलाल मीणा व उनके पुत्र हेमंत मीणा इस बार भाजपा प्रत्याशी भी है. दोनों की साख दांव पर लगी हुई है. अब देखना है कि जनता ने किसका साथ दिया है और किसका साथ छोड़ा है.
आदिवासी समाज का बड़ा वोट बैंक
प्रतापगढ़ जिले की दोनों विधानसभा सीट पर जनता के लिए तीसरे विकल्प के तौर पर भारत आदिवासी पार्टी मैदान में थी. इस पार्टी के साथ आदिवासी समाज का बड़ा वोट बैंक है, जिले की प्रतापगढ़ व धरियावद सीट पर इस पार्टी के प्रत्याशियों को अच्छा समर्थन मिला है. बहरहाल तीन दिसंबर को ही पता चलेगा कि जनता ने किस पार्टी को कितना साथ दिया है या साथ नही दिया है.
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