राजस्थान में गर्मी के मौसम में भीषण गर्मी और लू का प्रकोप होता है. तापमान आमतौर पर 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाता है. इस गर्मी और लू से बचने के लिए लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. डिहाइड्रेशन, एसिडिटी, अपच और त्वचा संबंधी समस्याएं आम बात हो जाती हैं. ऐसे में राजस्थान का एक विशेष पेय पदार्थ 'छाछ रावड़ी' लोगों के लिए वरदान सिद्ध होता है. इसे 'घाट का दलिया' के नाम से भी जाना जाता है. यह एक बेहद स्वादिष्ट और पौष्टिक पेय पदार्थ है, जिसमें प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट्स और अन्य खनिज तत्व प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं.
कई बिमारियों से निजात दिलाने में सहायक
स्थानीय निवासी कन्हैया लाल ने बताया कि भीषण गर्मी का मौसम है और तापमान भी 40°C से अधिक है. इस गर्मी से बचने के लिए लोग सुबह से लेकर दोपहर तक छाछ रावड़ी पीते है. क्योंकि यह वह पदार्थ है जिसे पीने से व्यक्ति के शरीर का तापमान का संतुलित रहता है. छाछ रावड़ी न केवल गर्मी से राहत दिलाती है, बल्कि यह कई स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करती है. इसमें मौजूद कैल्शियम हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाता है. साथ ही, इसके सेवन से शरीर को विटामिन और खनिज मिलते हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करते हैं.
कैसे बनती है छाछ राबड़ी?
छाछ रावड़ी बनाने की विधि भी बहुत आसान है. छाछ राबड़ी बेचने वाले दुकानदार ने बताया कि वैसे तो यह 12 माह बिकती है लेकिन गर्मी के मौसम में इसकी अधिक मांग रहती है. इसके लिए जौ को गलाकर उबाला जाता है. फिर इसमें छाछ, नमक और पानी मिलाकर इसे तैयार किया जाता है. यह पेय पदार्थ सुबह से लेकर दोपहर तक शहर के कई स्थानों पर लगे ठेलों और दुकानों से बिकता है.
स्थानीय रोजगार और आजीविका का साधन
भरतपुर शहर में छाछ रावड़ी की 121 दुकानें और 50 से अधिक ठेले हैं. यहां के स्थानीय निवासी इस व्यवसाय से अपनी आजीविका चलाते हैं. गर्मी के मौसम में तो इसकी मांग और भी अधिक हो जाती है, जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ जाते हैं.
छाछ रावड़ी न केवल राजस्थान की भीषण गर्मी और लू से राहत दिलाती है, बल्कि यह एक स्वादिष्ट और पौष्टिक पेय पदार्थ भी है. इसके सेवन से शरीर को ठंडक और ऊर्जा मिलती है, साथ ही स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त होते हैं. इसके अलावा, यह राजस्थान के स्थानीय लोगों के लिए रोजगार और आजीविका का भी साधन बन जाता है.