
राजस्थान की दोनों ही प्रमुख पार्टियों ने चुनिंदा सीटों पर अपने-अपने जनप्रतिनिधि उतार दिए हैं.ऐसे में दोनों ही पार्टी के कार्यकर्ताओं में कहीं खुशी की लहर है, तो कहीं गम के बादल छाए हैं. कुछ ऐसा ही हुआ नीमकाथाना विधानसभा क्षेत्र में, जहां अब बगावत के सुर जोर पकड़ने लगे हैं.
उन्होंने रविवार को अपने कार्यालय में अपने समर्थकों के साथ मीटिंग कर यह निर्णय लिया. उन्होंने किसी राष्ट्रीय पार्टी का दामन थामने के बजाय निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा की. ऐसा करते हुए उन्होंने 11 सदस्यों की एक कमेटी भी बनाई है.
रघुवीर सिंह भूदोली (Raghuveer Singh Bhudoli) ने भाजपा से अपनी दावेदारी जताते हुए कहा कि वह पिछले 15 सालों से भाजपा के समर्थित कार्यकर्ता है. उन्होंने कहा कि मैंने 2013 में चुनाव लड़ने के लिए फॉर्म भरा था. लेकिन पार्टी की ओर से कई वादे कर उनका आवेदन वापस लिया गया.

रघुवीर सिंह भूदोली ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की
इसके साथ ही पूर्व विधायक प्रेम सिंह बाजोर ने भी कहा था कि 2018 में मैं कहीं और से चुनाव लड़ लूंगा, लेकिन आपका साथ जरूर दूंगा. प्रेम सिंह बाजोर ने भी 2018 के चुनाव में उनसे कोई बात नहीं की थी और अब एक बार फिर 2023 में वह नीमकाथाना विधानसभा से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में लड़ने को तैयार हो गए है.
रघुवीर सिंह भूदोली ने सर्वे में भी अपना नाम राष्ट्रीय कार्यालय तक जाने की बात कही. साथ ही उन्होंने किसी प्रलोभन में आकर उनकी टिकट काटकर बाजोर को देने के आरोप भी लगाए. उन्होंने कई राष्ट्रीय पार्टियों के उनसे संपर्क करने की जानकारी भी दी.
इसी प्रकार नीमकाथाना विधानसभा से ही राजेश मीणा को इस बार टिकट नहीं मिलने से उनके समर्थकों में आक्रोश की लहर है. उन्होंने भी रविवार को युवा महापंचायत कर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है. हालांकि क्षेत्र में निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए मैदान में कौन-कौन प्रत्याशी उतरेगा उसकी स्थिति तो नामांकन भरने के बाद ही साफ हो पाएगी.