Drug De-Addiction Center: युवाओं में नशे का चलन बड़ी तेजी से बढ़ा है. पंजाब, हरियाणा,राजस्थान, दिल्ली सहित कई राज्यों में लाखों युवा नशे की जद में फंसे हैं. युवा ड्रग्स, हेराइन, अफीम, गांजा सहित कई अन्य चीजों का इस्तेमाल नशे के लिए करते हैं. परिजनों द्वारा लाख समझाने के बाद भी जब युवा नहीं समझते तो घरवाले थक-हारकर उन्हें इलाज के लिए नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती करवाते हैं. लेकिन नशा मुक्ति केंद्र इलाज के नाम पर ऐसी बेरहम पिटाई की जाती है कि कुछ ही दिनों में युवकों की स्थिति बद से बदतर हो जाती है. ऐसी ही एक कहानी राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले से सामने आई है.
एक महीने पहले भी केंद्र में मिली थी गड़बड़ियां
जिस नशा मुक्ति केंद्र में युवक की मौत हुई, उसे एक माह पहले जांच में गड़बड़ियां मिलने के बाद बंद करने के आदेश दिए गए थे, बावजूद इसके केंद्र का संचालन जारी था. अब जब यहां भर्ती एक युवक की मौत हो गई तो केंद्र के संचालक सहित अन्य लोग फरार हो गए.
मरीज के शरीर पर जख्म के निशान
नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती अन्य युवकों ने बताया कि यहां नशा छुड़वाने की तकनीक भी अलग है. यहां मरीज की बेरहमी से पीट-पीट कर नशा छुड़वाया जाता है जो कि यहां भर्ती मरीजों के शरीर पर बने निशान बेखौफ गवाही दे रहे हैं कि उनके साथ बेरहमी से पिटाई की जाती है, उन्हें प्रताड़ित किया जाता है.
हिसार के युवक के परिजनों ने की थी शिकायत
हिसार निवासी एक युवक को कुछ दिन पहले ही परिजनों ने इस नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती करवाया था. जब परिजन मरीज का सामान देने आए तो पीड़ित की पिटाई की जा रही थी तो उनके परिजनों ने एतराज जताया तो केंद्र संचालकों ने भविष्य में पिटाई नहीं करने को लेकर आश्वस्त किया था. लेकिन उन्हें क्या पता था कि नशा मुक्ति केंद्र का उपचार उनके मरीज की जान ही ले लेगा.
हनुमानगढ़ एसपी ने बताया- दीवार के पास मिला शव
हनुमानगढ़ एसपी विकास सांगवान ने बताया कि रात को नशा मुक्ति केंद्र संचालक ने मंगल सिंह के परिजनों को सूचना दी की उनके बेटे की मौत हो गई है, जब परिजन पहुंचे तो केंद्र में मंगल सिंह नहीं था. परिजनों की सूचना पर पहुंची पुलिस छानबीन की तो बाहर केंद्र की दीवार के पास युवक का कपड़ों में लिपटा शव मिला. इसके बाद पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू की लेकिन मौके से केंद्र संचालक फरार हो गए. परिजन जो रिपोर्ट देंगे उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
नशा मुक्ति केंद्र के टॉर्चर रूम की कहानी
अब आपको बताते हैं इस नशा मुक्ति केंद्र की सच्चाई, नशा मुक्ति केंद्र में जितने भी मरीज भर्ती हैं उन सब ने बताया कि यहां इलाज के नाम पर उनकी बेरहमी से पिटाई की जाती है, जब वह इसके खिलाफ आवाज उठाते हैं तो उन्हें एक विशेष रूम के अंदर ले जाया जाता है जिसे टॉर्चर रूम कहा जाता है उस रूम के अंदर बड़ा सा टायर बंधा हुआ है और उस पर लेटा कर उनकी जमकर पिटाई की जाती है यहां के हालात बहुत खराब है.
पूर्व में भी कई बार शिकायतें प्रशासन से की गई प्रशासन ने सिवाय कागज़ी कार्रवाई के कुछ नहीं किया, क्योंकि सब सेटिंग से चल रहा है इतना ही नहीं ऐसे सैकड़ो नशा मुक्ति अवैध रूप से चल रहे हैं जिनका प्रशासन का कोई डर नहीं है.
एसपी ने भी माना- मामला बेहद संदिग्ध
इस मामले में पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान का कहना है कि जिस नशा मुक्ति केंद्र में यह घटना हुई है वहां पहले भी जांच पड़ताल की गई थी. मामला काफी संदिग्ध है. वह इस मामले के तह तक जाएंगे. इस बाबत उन्होंने जिला कलेक्टर से भी बात की है कि जिले में अन्य नशा मुक्ति केंद्र की जांच पड़ताल भी की जाए कि कहां कहां बिना पंजीकरण के अवैध रूप से चल रहे हैं उनके खिलाफ भी अब कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
मृतक युवक के शरीर पर मिले जख्म के निशान
साथ ही उन्होंने कहा कि मंगल नाम के युवक की जो मौत हुई है, वह संदिग्ध है. उसके शरीर पर चोटों के निशान है. पुलिस इस मामले की हर एंगल से जांच कर रही है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में क्या निकाल कर आता है उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी फिलहाल मामला काफी संदिग्ध है.
जिले में कई नशा मुक्ति केंद्र हैं संचालित
हनुमानगढ़ जिले में नशा बढ़ने के साथ ही अवैध रूप से कुकरमुत्तों की तरह नशा मुक्ति केंद्र खुल गए जिनमें भर्ती युवकों से मारपीट और हत्या के कई मामले अब तक सामने आ चुके हैं. अब जरूरत है ऐसे नशा मुक्ति केंद्र के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने की जिससे कि नशा छुड़वाने के नाम पर मरीजों के साथ बर्बर मारपीट, अमानवीय व्यवहार पर रोक लग सके.
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