देश के मानचित्र में जोधपुर न सिर्फ पर्यटन व खानपान के लिए प्रसिद्ध है बल्कि जोधपुर शहर अपनायत की नगरी के रूप में भी विख्यात है. इस बार यह सिद्ध कर दिखाया है सरकारी महकमे ने जोधपुर के मंडोर में स्थित सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के राजकीय नारी निकेतन में 14 दिसंबर को एक आवासीय महिला परिणय सूत्र में बनने जा रही है. सरकारी विभाग की पहल और भामाशाह पप्पूराम डारा के विशेष सहयोग से यह विवाह आयोजित होगा. जहां इसको लेकर तैयारियां भी धूमधाम से चल रही है.
आश्रम में पली पढ़ी दिव्यांग इंदु
आपको बता दें 19 वर्ष पूर्व जिस दिव्यांग बालिका को उसकी निर्दयी मां ने पालने में छोड़ दिया था, जिसके बाद 'अपना घर आश्रम' में 16 वर्ष तक पली बढ़ी उसके बाद वर्ष 2017 में उसे मंडोर में स्थित नारी निकेतन में बालिका इंदु को शिफ्ट किया गया. उसने यहां रहते हुए स्नातक की भी पढ़ाई पूरी की, अब इंदू का विवाह 14 दिसंबर को ओसियां के डाबड़ी गांव निवासी मगाराम गोदारा से होने जा रहा है. इस विवाह का आयोजन जिला प्रशासन व समाज कल्याण विभाग की अनोखी पहल के साथ हो रहा है.
शादी के लिए वर का हुआ साक्षात्कार
बालिका इंदु के विवाह योग्य होने पर जिला प्रशासन द्वारा उसके लिए योग्य जीवन साथी चुनने के लिए विभाग ने आवेदन भी आमंत्रित किए थे. जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों के मौजूदगी में ही आवेदन करने वाले लड़कों का साक्षात्कार भी लिया गया. जिसके बाद अंतिम रूप में सेलेक्ट हुए लड़के का इंदु की मौजूदगी में दोनों का फिर एक साक्षात्कार करवाया गया. जहां इंदु की पसंद के आधार पर ओसियां के मगाराम का चयन किया गया. मगाराम पढ़ा-लिखा है और बीएड की डिग्री प्राप्त कर चुका है और वर्तमान में अध्यापक भर्ती की तैयारी भी कर रहा है.
जोरो पर चल रही हैं विवाह की तैयारियां
इंदु के विवाह को लेकर तैयारियां भी जोरो पर चल रही हैं. 13 दिसंबर को शादी की विभिन्न रस्मों के तहत पाठ बिठाई का आयोजन होगा. वहीं शाम 6 बजे महिला संगीत का भी आयोजन होगा, अगले दिन 14 दिसंबर को पाणिग्रहण संस्कार के साथ ही शाम 6 के बाद आशीर्वाद समारोह का आयोजन रखा गया है.
ढोल-नगाड़े पर नाचे अधिकारी और कर्मचारी
जोधपुर के ऐतिहासिक रातानाडा गणेश मंदिर से भी भगवान गणेश को नारी निकेतन में भी विराजमान किया गया है और एक पिता के रूप में इस कार्य को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर अनिल व्यास और उनकी पत्नी ने किया. इसके साथ ही विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने भी ढोल-नगाड़े के साथ खुशी मनाते देखे गए.
पहली बार आयोजित हो रहा है ऐसा विवाह
सामाजिक न्याय एंव अधिकारिता विभाग के जोधपुर में जॉइंट डायरेक्टर अनिल व्यास में बताया कि जयपुर के बाद अब पहली बार इस प्रकार का विवाह जोधपुर में आयोजित किया जा रहा है. जहां इस विवाह में भामाशाह पप्पू राम डारा का विशेष सहयोग रहा है और 14 दिसंबर को बालिका इंदु विवाह सूत्र में बंधेगी.
भामाशाह पप्पूराम डारा ने उठाया जिम्मा
इस विवाह के पूरे खर्च का जिम्मा जोधपुर के ही भामाशाह पप्पू राम डारा और उनकी पत्नी इंद्रा देवी ने उठाया है. इससे पूर्व भी भामाशाह पप्पू राम सामाजिक सरोकार के कार्यों में भी आगे रहे हैं. हाल ही में अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर के निर्माण में भी एक करोड़ रुपए की सहायता दी थी.
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