सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया.
Rajasthan News: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को जल महल (Jal Mahal) झील को नुकसान पहुंचाने और आसपास के क्षेत्र में रात्रि बाजार (Night Market) लगाने की अनुमति देकर इसके पानी को गंदा (Water Pollution) करने के लिए नगर निगम जयपुर हेरिटेज (Nagar Nigam Jaipur Heritage) को फटकार लगाई. जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने कहा कि नगर निगम जयपुर हेरिटेज की लापरवाही और अवैध कृत्यों के कारण जल महल झील पूरी तरह से नष्ट हो गई.
स्मार्ट सिटी कैसे बनेगा जयपुर?
पीठ ने कहा, 'आज, हमने देखा कि ऑनलाइन माध्यम से पेश हुए नगर निगम आयुक्त के पीछे ‘स्मार्ट सिटी' का बोर्ड लगा है. हमें आश्चर्य है कि जल महल झील को लगभग नष्ट करके जयपुर शहर ‘स्मार्ट' कैसे बन जाएगा? हम पाया है कि झील के जीर्णोद्धार और संरक्षण के लिए एक विशेषज्ञ समिति नियुक्त नहीं की गई है.' अदालत ने जयपुर नगर निगम को प्रदूषण को रोकने और झील के जीर्णोद्धार एवं संरक्षण के लिए तत्काल उपायों के संबंध में एक व्यापक रिपोर्ट देने के वास्ते नेशनल एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट को नियुक्त करने का निर्देश दिया.
NGT के आदेश को चुनौती पर सुनाई
शीर्ष अदालत नगर निगम जयपुर हेरिटेज द्वारा दायर एक अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के तीन नवंबर, 2023 के आदेश को चुनौती दी गई थी. एनजीटी ने इस आदेश में झील के पास रात्रि बाजार और अन्य गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया था, जबकि निगम को पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र (ईएसजेड) निगरानी समिति से अनुमति लेने का निर्देश दिया गया था. एनजीटी का यह आदेश आरटीआई कार्यकर्ता राजेंद्र तिवारी द्वारा रात्रि बाजार और झील में अनुपचारित पानी छोड़े जाने के खिलाफ दायर याचिका पर आया था.
झील में सीवर का पानी छोड़ देता है निगम
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नगर निगम मुख्यालय समय-समय पर झील में सीवर का पानी छोड़ता है. इसने निगम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के एक हलफनामे पर भी गौर किया, जिसमें उन्होंने पर्यटन विभाग की एक परियोजना रिपोर्ट का हवाला दिया और कहा कि परियोजना का झील के जीर्णोद्धार और संरक्षण से कोई लेना-देना नहीं है.
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