Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी (Vasudev Devnani) का कहना है कि देश में चुनाव प्रचार के बीच संविधान (Constitution of India) खत्म करने का आरोप केवल चुनावी बयान है. सच्चाई से इसका कोई लेना देना नहीं है. देश में संवैधानिक व्यवस्था इस तरह की है कि संविधान को खत्म नहीं किया जा सकता. NDTV राजस्थान के इनपुट एडिटर सुशांत पारीक से EXCLUSIVE बातचीत में देवनानी ने कहा कि संविधान बदलने के आरोप लगाने वाले खुद देश में राष्ट्रपति शासन (President Rule) लगा चुके हैं. चुनाव में कम वोटिंग का मतलब जनता मान चुकी है. देश में स्थायी सरकार है. बदलाव की कोई आवश्यकता नहीं है. हालांकि वोटिंग प्रतिशत को बढ़ाने के लिए आने वाले समय में नागरिकों के लिए किसी प्रकार के फाइन की व्यवस्था की जा सकती है.
'हिंदू महीने के हिसाब से तैयार हुई विधानसभा की डायरी'
वासुदेव देवनानी ने कहा, 'राजस्थान विधानसभा को पेपरलेस करने की तैयारी है. मॉनसून सत्र में इसकी शुरुआत होगी. विधायकों को दो टैबलेट दिए जाएंगे. एक विधानसभा और एक घर के लिए. विधानसभा में कागजी कार्रवाई को खत्म किया जाएगा. सब कुछ ऑनलाइन होगा. वरिष्ठ विधायकों के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी.' देवनानी ने कहा, 'राजस्थान में इस बार कई नवाचार किए गए हैं. विधानसभा की डायरी को हिंदू महीनों के हिसाब से तैयार किया गया है. विधानसभा में कार्य दिवस बढ़ाने पर विशेष फोकस है. विधानसभा के म्यूजियम को पर्यटन कैलेंडर में शामिल करवाने की दिशा में भी काम हो रहा है. स्कूली बच्चों और आम नागरिकों के लिए विधानसभा का म्यूजियम खोल दिया गया है.
'सरकारी विभागों की तय होगी सवाल संबंधी जवाबदेही'
देवनानी ने कहा कि पिछली सरकार के दौरान विधानसभा में 5 हजार सवालों के जवाब नहीं आए थे. इस बार सरकारी विभागों की जवाब संबंधी जवाबदेही तय की जाएगी. अधिकांश विधायकों को नए आवास मिल चुके हैं. बजट सत्र से पहले शेष विधायकों को भी आवास भी आवंटित कर दिए जाएंगे. विधानसभा अध्यक्ष ने माना है कि पिछले अध्यक्ष सीपी जोशी ने CPA की गतिविधियों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण रोल अदा किया था. हमारी कोशिश रहेगी कि सार्थक सेमिनारों का आयोजन राजस्थान विधानसभा में जारी रहे. देवनानी का कहना है कि विधानसभा अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारियां बढ़ जाने से बतौर विधायक कामकाज प्रभावित होता है, लेकिन उनकी कोशिश है कि वे सप्ताह में दो दिन अपने विधानसभा क्षेत्र को भी दें, ताकि उस क्षेत्र की जनता के प्रति भी उनकी जिम्मेदारी का निर्वाहन हो सके.
बीजेपी विधायकों ने ठुकरा दिया था गहलोत का तोहफा
बताते चलें कि 23 फरवरी 2022 को राजस्थान का बजट पेश करने से पहले राजस्थान के तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत ने अपने 200 विधायकों को iPhone 13 गिफ्ट किया था. उस वक्त एक फोन की कीमत करीब 1 लाख 20 हजार रुपये थी. यानी विधायकों के गिफ्ट पर सरकार ने करीब 2 करोड़ रुपये खर्च किए थे. उस वक्त बीजेपी के वरिष्ठ विधायकों ने गहलोत के इस तोहफे को ठुकरा दिया था. उससे पिछले साल भी गहलोत सरकार ने बजट पेश करने के ठीक बाद सभी 200 विधायकों को आई-पैड उपहार में दिया गया था. लेकिन इस बार दिए गए फोन की कीमत 70,000 रुपये से ऊपर है. उस वक्त पूर्व मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा था कि पेपरलेस होना और हाई-टेक बनना अच्छा और स्वागत योग्य है. लेकिन इतनी बड़ी राशि खर्च करना, वह भी तब जब राज्य की अर्थव्यवस्था खराब स्थिति में हो, उचित नहीं है. हालांकि अब बीजेपी की भजनलाल सरकार विधायकों को दो टेबलेट देने जा रही है.
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