Royal Family Dispute: गहलोत सरकार में मंत्री रहे विश्वेंद्र सिंह ने पत्नी दिव्या सिंह और बेटे अनिरुद्ध सिंह के खिलाफ मारपीट और भरपेट खाना नहीं देने का आरोप लगाया है. उन्होंने उपखंड अधिकारी के ट्रिब्युनल में प्रार्थना पत्र देकर भरण पोषण खर्च की मांग की है. उन्होंने कहा कि भरपेट खाना नहीं मिलता, जिससे परेशान होकर घर छोड़ दिया.
विश्वेंद्र सिंह के आरोपों को पत्नी-बेटे ने बताया झूठा
विश्वेन्द्र सिंह की पत्नी दिव्या सिंह और उनके बेटे कुंवर अनिरुद्ध सिंह रविवार यानी 19 मई को ने प्रेस वार्ता की. उन्होंने विश्वेंद्र के आरोपों को झूठा बताया. उन्होंने कहा कि एसडीएम कोर्ट का फैसला आने वाला है. एसडीएम पर दबाव बनाने के लिए इस तरह का माहौल बनाया जा रहा है.
2 महीना पुराना है मामला
कुंवर अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि यह विश्वेंद्र सिंह ने 2 महीना पहले ही कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया है. 6 मार्च को एसडीएम कोर्ट में दाखिल हुआ था. हमारी ओर से सभी तथ्य प्रस्तुत कर दिए हैं कि इस मामले को लेकर के एसडीएम पर पूरा विश्वास है कि वह निष्पक्ष निर्णय करेंगे.
"मोती महल बेचना चाहते हैं विश्वेंद्र सिंह"
कुंवर अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि यह पूरा मामला महाराजा सूरजमल की प्रॉपर्टी को लेकर के है. महाराजा विश्वेंद्र सिंह पर आरोप लगाए कि उन्होंने पूरी प्रॉपर्टी बेच दी है. उन्होंने डॉक्यूमेंट पर हमारे फर्जी सिग्नेचर भी कराए हैं. एक मोती महल है, जिसे बेचना चाहते थे और उसे बचाने के लिए यह पूरा मामला बना है. मोती महल महारानी दिव्या सिंह के नाम है और उनके नाम से पट्टा भी है.
"विश्वेंद्र सिंह खुद 3 साल से महल नहीं आए"
उन्होंने कहा कि महाराजा विश्वेंद्र सिंह को हमने लोगों से मिलने से नहीं रोका है. उनके सोशल मीडिया एकाउंट पर जाकर के देख सकते हैं. वह लोगों से मुलाकात करते हैं. और उन्होंने जो मारपीट के आरोप लगाए हैं, उसे समय गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. उनके साथ कैसे मारपीट हो सकती है. अगर मारपीट होती तो पुलिस में भी मामला दर्ज होता. वह खुद ही 3 साल में महल नहीं आए. हम लोगों की पर्सनल लाइफ है. हम लोगों के फाइनेंस सक्सेज से दिक्कत है, तो हम कुछ नहीं कर सकते.
विश्वेंद्र सिंह की पत्नी बोलीं-मैंने 31 साल में क्या-क्या नहीं देखा
महाराजा विश्वेंद्र सिंह की पत्नी ने कहा कि मुझे पता है मैंने 31 साल में क्या क्या देखा है. जब एक मां के के साथ अत्याचार और अन्याय होता है, तो उसका बेटा साथ देता है तो अच्छी बात है. मेरा काम पुस्तैनी जायदाद की रक्षा करना है. और मैं मरते दम तक करती रहूगी. हालांकि हमारे द्वारा सभी सबूत कोर्ट में पेश कर दिए गए हैं और इस पर फैसला जल्द आने वाला है.
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