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This Article is From May 03, 2024

Rajasthan Water Crisis: बिजली के खंभों पर 'पानी के तार', ग्रामीणों की इस पहल से प्यास बुझा रहा राजस्थान का पूरा गांव

फूलियाकलां उपखण्ड मुख्यालय होने के बावजूद पेयजल समस्या से जूझ रहा हैं. चंबल परियोजना का पानी यहां पहुंचने और घर-घर नल कनेक्शन होने के बावजूद भी पानी नहीं पहुंच पा रहा है. इसके हालात जस के तस है. मजबूरन ग्रामीणों ने कुएं में पानी की मोटर उतारकर खुद की नल-जल योजना शुरू की है, जिससे वे अपने मकानों तक पानी पहुंचा रहे हैं.

Rajasthan Water Crisis: बिजली के खंभों पर 'पानी के तार', ग्रामीणों की इस पहल से प्यास बुझा रहा राजस्थान का पूरा गांव
कुएं में लटकी मोटरें

Bhilwara News: भीलवाड़ा के फुलियाकला कस्बे में ग्रामीण काफी समय से पेयजल संकट का सामना कर रहे थे. यहां की रेगर बस्ती के लोगों ने पेयजल समस्या से निपटने के लिए प्रशासन के भरोसे बैठे रहने की जगह अपने स्तर पर अनोखा जुगाड़ किय. जो चर्चा का विषय बन हुआ है. ग्रामीणों ने नकारा पड़े कुएं की साफ-सफाई कर उसमें से पानी खींचने के लिए 20 मोटरें लगाई हैं. पोल के सहारे पाइपलाइन का जाल खड़ा कर दिया. करीब 500 घरों की बस्ती वाली रेगर बस्ती में किए गए जुगाड़ से पेयजल आपूर्ति हो रही है. सार्वजनिक कुंए का हाल देखकर इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि यहां के लोग पानी के लिए कितनी मशक्कत कर रहे हैं.

थोड़ा पानी आता है, तो दौड़ पड़ते हैं ग्रामीण 

यहां के रेगर मोहल्ला स्थित सार्वजनिक कुंए में 2 फीट पानी है और इस पानी के लिए लोगों की करीब 20 मोटर लटकी हुई हैं. जहां से इस थोड़े से बचे कुचे पानी को लेने के लिए गांव के लोगों ने कुएं में मोटर लगाने के लिए बिजली और पाइप का जाल बिछा रखा है. कुएं में थोड़ा सा पानी आने पर अपने सब काम छोड़ पानी के लिए मोटर चलाने में जुट जाते हैं.
ग्रामीणों ने गांव के इस सार्वजनिक कुएं में, बड़ी संख्या में मोटर लगा रखे हैं और बांस बल्लियों और बिजली के पोल के सहारे अपने-अपने घरों तक पानी के पाइप बिछा ली हैं, जिसके जरिए वे पानी की जरूरत को पूरा कर रहे हैं.

चंबल की पाइपलाइन पहुंची, लेकिन पानी नहीं 

फूलियाकलां उपखण्ड मुख्यालय होने के बावजूद पेयजल समस्या से जूझ रहा हैं. चंबल परियोजना का पानी यहां पहुंचने और घर-घर नल कनेक्शन होने के बावजूद भी पानी नहीं पहुंच पा रहा है. इसके हालात जस के तस है. मजबूरन ग्रामीणों ने कुएं में पानी की मोटर उतारकर खुद की नल-जल योजना शुरू की है, जिससे वे अपने मकानों तक पानी पहुंचा रहे हैं.

8 दिन में एक बार आता है सरकारी पानी 

ग्रामीण तेजमल रेगर का कहना है, उनके गांव में पेयजल का संकट है. पेयजल की संकट के निवारण के लिए गांव वालों ने सार्वजनिक कुएं की सफाई की. उसी से गांव की पेयजल समस्या का निदान हो रहा है. चंबल के पानी की सप्लाई 8 दिन में एक बार होती है. एक दिन छोड़कर एक दिन चंबल का पानी मिल जाए तो गांव में पेयजल आपूर्ति सामान्य हो सकती है.

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