विज्ञापन
Story ProgressBack

Maha Shivaratri 2024: मुस्लिम समाज पहनाता है पगड़ी तब बनते हैं धाम के महंत, सालों से चली आ रही है परंपरा

दरअसल डीडवाना में सदियों पहले साम्प्रदायिक सद्भावना की जो नींव हिन्दू-मुस्लिम समुदायों के पूर्वजों ने डाली थी, वो आज भी बदस्तूर जारी है. दोनों समुदायों के लोग न केवल इस परम्परा का पौराणिक तरीके से अनुसरण कर रहे हैं, बल्कि देश व दुनिया को भी साम्प्रदायिक सद्भाव का संदेश दे रहे हैं.

Maha Shivaratri 2024: मुस्लिम समाज पहनाता है पगड़ी तब बनते हैं धाम के महंत, सालों से चली आ रही है परंपरा
श्रीफल भेंट करते मुस्लिम समाज के लोग

दुनियाभर में भारत की पहचान गंगा जमुनी तहजीब की रही है. यहां सदियों से हिंदू-मुस्लिम सहित अनेक समुदाय साथ रहते आए हैं. यह भारत का साम्प्रदायिक सौहार्द ही है, जो सभी वर्गों ओर धर्मों को एकसूत्र में बांधे रखता है. ऐसा ही साम्प्रदायिक सौहार्द ओर हिन्दू मुस्लिम एकता का नजारा आज डीडवाना में देखने को मिला, जब महाशिवरात्रि पर्व के मौके पर हिन्दू-मुस्लिम समुदाय के लोग गले लगे ओर एक दूसरे का सम्मान किया. 

राजस्थान में डीडवाना की पहचान सांप्रदायिक सौहार्द्ध वाले शहर के रूप में रही है. डीडवाना शहर अपने आप में गंगा जमुनी तहजीब का एक बड़ा उदाहरण है, यहां दोनों सम्प्रदाय के लोग एक साथ धार्मिक परम्पराएं निभाकर दीपावली, होली, ईद एक साथ मनाते है. महाशिवरात्रि पर भी एक ऐसी अनूठी परम्परा निभाई जाती है, जो दोनों धर्मो के सौहार्द को एक डोर में बांधती है. ऐसी ही गंगा जमुनी तहजीब का नजारा आज डीडवाना में फिर से दिखाई दिया. धार्मिक सौहार्द ऐसा की हर कोई एक दूसरे के प्रति सम्मान का भाव. मौका था महाशिवरात्रि का, इस मौके पर हर हर महादेव कि गूंज के साथ साथ जोगामंडी धाम के नाथ सम्प्रदाय के महंत का जुलूस मुस्लिम मौहल्लों में पहुंचा, जहाँ उनका भावभीना अभिनन्दन किया गया.

मुस्लिम समाज पहनाता है पगड़ी 

इस परम्परा के साथ एक खास बात और जुड़ी हुई है, जो सही मायने में साम्प्रदायिक सौहार्द की जड़ों को मजबूत करती है. नाथ सम्प्रदाय के इस जोगा मण्डी धाम में जब भी नाथ मठाधीश की नियुक्ति होती है, तब मुस्लिम समाज उन्हें पगड़ी पहनाता है और माथुर समाज शॉल ओढ़ाता है, तब जाकर नए महंत की नियुक्ति होती है.

दे रहे साम्प्रदायिक सद्भाव का संदेश

दरअसल डीडवाना में सदियों पूर्व साम्प्रदायिक सद्भावना की जो नींव हिन्दू-मुस्लिम समुदायों के पूर्वजों ने डाली थी, वो आज भी बदस्तूर जारी है. दोनों समुदायों के लोग न केवल इस परम्परा का पौराणिक तरीके से अनुसरण कर रहे हैं, बल्कि देश व दुनिया को भी साम्प्रदायिक सद्भाव का संदेश दे रहे हैं. इसी परम्परा के तहत नाथ सम्प्रदाय के प्राचीन धाम जोगामंडी के प्रमुख पीर लक्षमणनाथ महाशिवरात्रि के मौके पर आज सुबह घोड़ी पर सवार होकर गाजे-बाजे और जुलूस के साथ नगर भ्रमण के लिए निकले.

मुस्लिम समाज ने किया श्रीफल भेंट 

उनका यह जुलूस सबसे पहले सैयदों की हताई और काजियों के मोहल्ले में पहुंचा, जहां सदियों पुरानी परम्परा के तहत मुस्लिम समुदाय के लोगों ने नाथजी का स्वागत सत्कार कर उन्हे श्रीफल भेंट किया. इस मौके पर नाथजी ने लोगों को विशेष रोट भेंट किया. बताया जाता है कि यह रोट अन्न को समर्पित होता है और मान्यता है कि इस रोट को अनाज के साथ रखने पर घर में बरकत होती है और कभी भी अन्न की कमी नहीं रहती है.

यह भी पढ़ें- यहां जमीन के नीचे पाताल में बना है 235 साल पुराना भगवान शिव का मंदिर

Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
Rajasthan: खत्म हुआ 20 साल का इंतजार, 3 पाकिस्तानी भाई-बहनों को मिला भारत में वोट डालने का अधिकार
Maha Shivaratri 2024: मुस्लिम समाज पहनाता है पगड़ी तब बनते हैं धाम के महंत, सालों से चली आ रही है परंपरा
Land sold fraudulently to two people twice! Case registered against five people including Tehsildar
Next Article
Rajasthan: तहसीलदार से मिलीभगत कर दो बार बेच दी एक ही जमीन! पुलिस ने तहसीलदार समेत पांच लोगों पर किया मुकदमा दर्ज
Close
;