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कौन हैं रामस्वरूप कोली? 20 साल पहले बने थे सांसद... कभी चलाते थे पान और घड़ी की दुकान

बीजेपी ने भरतपुर लोकसभा सीट पर लगातार सीटिंग सांसद का टिकट काटा है. इस बार रंजीता कोली का टिकट काट कर रामस्वरूप कोली को टिकट दिया है.

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कौन हैं रामस्वरूप कोली? 20 साल पहले बने थे सांसद... कभी चलाते थे पान और घड़ी की दुकान
रामस्वरूप कोली को 20 साल बाद फिर लोकसभा का टिकट मिला है.

Lok Sabha Elections 2024: बीजेपी ने राजस्थान में जिन 15 उम्मीदवारों को लोकसभा चुनाव के मैदान में उतारा है, उनमें से 7 नाम चौंकाने वाले हैं. वहीं, भरतपुर लोकसभा सीट से रामस्वरूप कोली को टिकट दिया गया है. जबकि यह आश्चर्य की बात है कि इस सीट पर बीजेपी आलाकमान ने मौजूदा सांसद रंजीता कोली का टिकट काट दिया है. हालांकि गौर किया जाए तो बीजेपी भरतपुर लोकसभा सीट (Bharatpur Lok Sabha Seat) से हर बार अपने उम्मीदवार को बदल रही है. जहां साल 2014 में बहादुर सिंह कोली को टिकट दिया गया था. तो 2019 में बहादुर सिंह कोली का टिकट काटकर रंजीता कोली को टिकट दिया गया. अब 2024 में रंजीता कोली का टिकट काटकर रामस्वरूप कोली (Ramswaroop Koli) को टिकट दिया जा रहा है. 

आपको बता दें रामस्वरूप कोली पहले भी लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं. हालांकि यह 20 साल पहले की बात है जब वह साल 2004 में धौलपुर-बयाना लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार थे. उन्होंने यहां से जीत हासिल की थी. इसके बाद उन्हें कभी भी लोकसभा चुनाव का टिकट नहीं दिया गया. वहीं कई बार टिकट की मांग करने के बाद साल 2018 में रामस्वरूप कोली को विधानसभा का टिकट दिया गया था लेकिन इसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा. अब उन्हें 2024 में एक बार और मौका दिया जा रहा है. रामस्वरूप कोली RSS से लंबे समय से जुड़े हैं. माना जा रहा है कि इसी वजह से उन्हें भरतपुर सीट से मौका दिया जा रहा है.

पान और घड़ी की दुकान चलाते थे रामस्वरूप कोली

भरतपुर सीट से बीजेपी प्रत्याशी रामस्वरूप कोली का जन्म भुसावर कस्बा स्थित मुंडियारा के हर मोहल्ला में 15 जनवरी 1965 में कोली समाज में हुआ. उन्हें बचपन से ही राजनीति में जाने का शौक था. लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी. जीवन यापन के लिए पान और घड़ी की दुकान चलाते थे. लेकिन उन्होंने न अपनी जिद छोड़ी और न ही हार मानी, वह धीरे-धीरे राजनीति में भाग लेने लगे. साल 1990 में भुसावर नगर पालिका से पार्षद का चुनाव लड़ा और फिर लगातार तीन बार पार्षद रहे. इसके बाद यह आरएसएस और बीजेपी पार्टी से जुड़े. आरएसएस में तृतीय वर्ष किया उसके बाद यह विस्तारक और प्रचारक आदि पदों पर कार्य किया. 

रामस्वरूप कोली 2004 में बने सांसद..

आरएसएस और पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ता होने के चलते बीजेपी ने इन्हे धौलपुर-बयाना से 2004 में लोकसभा प्रत्याशी बनाया और अच्छे मतों से विजय हुए. रामस्वरुप कोली बीजेपी एससी मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष के साथ-साथ मानव संसाधन विकास समिति के सदस्य, मानव संसाधन विकास समिति के सदस्य भी रह चुके हैं. इसके बाद उन्होंने कई बार लोकसभा के लिए बीजेपी से टिकट मांगा लेकिन नही मिला. उसके बावजूद भी यह पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर पार्टी के कार्यक्रमों में भाग लेते रहे. उसके बाद पार्टी ने 2018 में वैर भुसावर विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया था लेकिन इन्हें हार का सामना पड़ा करना पड़ा.

जीवन यापन के लिए सांसद पेंशन पर निर्भर

रामस्वरूप कोली पांच भाई है और इनके बीच तीन बीघा भूमि है. कस्बे में छोटा सा मकान है. उनके चार बेटे और दो बेटियां है. उनका बेटा प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता है. 2004 में सांसद बने थे उसी के चलते उन्हें पेंशन मिल रही है और इसी से यह अपना जीवन यापन कर रहे हैं. इनके पास एक बोलेरो गाड़ी है जो 2004 में खरीदी थी.

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