भारत की सबसे बड़ी घरेलू विमान सेवा कंपनी इंडिगो एयरलाइंस की उड़ानों में पिछले कुछ दिनों से लगातार बाधा आ रही है. पिछले चार दिनों से अचानक से इंडिगो की उड़ानों को रद्द किया जा रहा है जिससे बड़ी संख्या में देशभर में यात्रियों को भारी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है. पिछले दो दिनों में 1500 से ज़्यादा उड़ानों को रद्द कर दिया गया है. गुरुवार, 4 दिसंबर को 500 और शुक्रवार, 5 दिसंबर को इंडिगो की 1000 से ज़्यादा फ़्लाइट को कैंसिल कर दिया गया है. इंडिगो प्रतिदिन लगभग 2000 उड़ानों का संचालन करता है. ऐसी स्थिति में हवाई अड्डों पर अफरा तफरी मची हुई है और यात्रियों में भारी आक्रोश है. आइए 10 बिंदुओं में इंडिगो एयरलाइंस में आए संकट के बारे में समझते हैं कि आख़िर ऐसा क्यों हो रहा है.
- इंडिगो एयरलाइंस ने अपनी उड़ानों के रद्द होने के संकट के लिए कई तरह की संचालन चुनौतियों को कारण बताया है. इनमें मामूली तकनीकी खामियों, विंटर शेड्यूल में परिवर्तन, हवाई मार्गों पर भीड़ तथा मौसम जैसे कारण गिनाए गए हैं.
- हालांकि, विमानन क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि इंडिगो के संकट की मूल वजह पायलटों की ड्यूटी में किया गया बदलाव है. Flight Duty Time Limitations (FDTL)को जनवरी 2024 में पेश किया गया था. लेकिन इसे अभी तक पूरी तरह लागू नहीं किया गया है.
- नए नियम में पायलटों को थकान से बचाने के लिए कई उपाय सुझाए गए हैं. इनमें चालक दल के लिए प्रति सप्ताह 48 घंटे विश्राम को अनिवार्य करने का प्रावधान है. पहले यह 36 घंटे था. साथ ही, नाइट ड्यूटी के घंटे बढ़ा कर रात 12 बजे से सुबह 6 बजे तक किया जाना था. साथ ही पायलटों को प्रति सप्ताह सिर्फ 2 बार नाइट लैंडिंग की अनुमति दी जानी थी.
- इन पाबंदियों की वजह से इंडिगो के बहुत सारे पायलटों को अनिवार्य रूप से विश्राम पर जाना पड़ा. जबकि 26 अक्टूबर से इंडिगो ने अपने विंटर शेड्यूल में उड़ानों की संख्या बढ़ा दी थी.
- इसके साथ ही संकट और गहरा हो गया जब एयरबस A320 की एक एडवाइज़री की वजह से वीकेंड पर उड़ानों में देरी हुई, जिससे कई फ्लाइट्स का समय आधी रात के बाद हो गया. ऐसे में नए नियमों के लागू होने की वजह से कई फ्लाइट्स को कैंसिल करना पड़ा क्योंकि पायलटों को विश्राम पर भेज दिया गया.
- पायलटों ने संकट के लिए इंडिगो के मैनेजमेंट को दोषी ठहराया है. पायलटों के यूनियन ने आरोप लगाया कि इंडिगो प्रबंधन ने चेतावनियों पर ध्यान नहीं दिया और इस वजह से पायलटों की ड्यूटी ठीक से नहीं लगाई जा सकी.
- पायलट यूनियन ने दावा किया है कि यह जानते हुए भी कि नए नियम लागू होने वाले हैं, इंडिगो ने नई नियुक्तियां नहीं कीं. खर्चे घटाने के लिए पिछले कई वर्षों से पायलटों की संख्या लगातार कम रखी गई. बताया जा रहा है कि इन वजहों से इंडिगो में लगभग 1000 पायलटों की कमी हो गई है.
- फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन पायलट्स ने आरोप लगाया कि यह संकट सिर्फ़ इंडिगो के खराब प्रबंधन की वजह से आया. उन्होंने दावा किया कि दूसरी विमान सेवाओं ने नए नियमों के लिए बेहतर तैयारी की थी जिससे उनकी सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ा.
- पायलट यूनियन ने नागर विमानन महानिदेशालय या (Directorate General of Civil Aviation DGCA) की भी आलोचना की है और कहा है कि उन्हें पायलटों की उपलब्धता की जांच किए बिना विंटर शेड्यूल को मंज़ूरी नहीं देनी चाहिए थी.
- नागर विमानन महानिदेशालय ने इंडिगो के संकट को गहराता देख पायलटों के विश्राम के लिए लागू होने वाले नियम को वापस ले लिया है. DGCA ने शुक्रवार, 5 दिसंबर को कहा है कि यह परिवर्तन तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है. समझा जाता है कि इसके बाद इंडिगो को थोड़ी राहत मिलेगी और पायलटों की उपलब्धता बढ़ सकेगी. लेकिन समझा जाता है कि इंडिगो की उड़ानों के संकट को कम होने में कम-से-कम 10 दिन और पूरी तरह सामान्य होने में अगले साल फरवरी तक का समय लग सकता है.
ये भी पढ़ें-: इंडिगो की सर्विस लगातार चौथे दिन हुई ढेर, 10 से अधिक उड़ानें रद्द; दिल्ली से जोधपुर तक एयरपोर्ट पर मचा हाहाकार