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Bundi News: राजस्थान के अस्पताल में बिजली गुल होने से रुकी ऑक्सीजन की सप्लाई, तड़प-तड़प कर हुई महिला की मौत 

घटना के बाद अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी मच गई. अस्पताल प्रशासन ने इन आरोपों को खारिज किया है. अस्पताल के अधीक्षक लक्ष्मी नारायण मीणा ने कहा कि महिला की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई है. उन्होंने बताया कि शांति बाई कैंसर मरीज थीं और उनकी स्थिति पहले से ही गंभीर थी.

Bundi News: राजस्थान के अस्पताल में बिजली गुल होने से रुकी ऑक्सीजन की सप्लाई, तड़प-तड़प कर हुई महिला की मौत 
अस्पताल में महिला इसी दौरान लाइट चली गई.

Rajasthan News: बूंदी के सरकारी अस्पताल में महिला की मौत का मामला सामने आया है. परिजनों का आरोप है कि महिला की मौत अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई बंद होने के कारण हुई. बताया जा रहा है कि बुधवार देर रात अचानक बिजली गुल हो गई, जिससे ऑक्सीजन सप्लाई रुक गई और महिला तड़प-तड़प कर मर गई. परिजनों ने इस घटना का वीडियो भी बनाकर वायरल किया है, जिसमें महिला की हालत बिगड़ती दिखाई दे रही है और परिवारजन ऑक्सीजन की कमी का आरोप लगाते नजर आ रहे हैं.

मृतका के दामाद विष्णु के मुताबिक़ उसकी सास शांति बाई को दो दिन पहले मांटुंदा गांव से भर्ती कराया गया था. बुधवार रात एक घंटे तक बिजली गुल रही. परिजनों का कहना है कि इसी दौरान ऑक्सीजन सप्लाई बंद हो गई थी. जब उन्होंने जनरेटर चालू करने की बात कही तो अस्पताल स्टाफ ने उन्हें गार्ड के पास भेज दिया. गार्ड ने यह कहकर मना कर दिया कि जनरेटर खराब है. इसी लापरवाही के कारण, परिजनों का आरोप है कि महिला की जान चली गई.

गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया

घटना के बाद अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी मच गई. एक से डेढ़ घंटे तक अस्पताल में अंधेरा रहा और मरीज और  उनके परिजन परेशान होते रहे. शांति बाई की मौत के बाद गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. उन्होंने कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया और जवाबदेही तय करने की मांग की. उनका कहना है कि यह लापरवाही केवल एक मरीज की जान नहीं, बल्कि दर्जनों मरीजों की जान जोखिम में डाल सकती है.

अस्पताल ने रखा अपना पक्ष 

वहीं अस्पताल प्रशासन ने इन आरोपों को खारिज किया है. अस्पताल के अधीक्षक लक्ष्मी नारायण मीणा ने कहा कि महिला की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई है. उन्होंने बताया कि शांति बाई कैंसर मरीज थीं और उनकी स्थिति पहले से ही गंभीर थी. मीणा ने स्वीकार किया कि लाइट चली गई थी और जनरेटर अपने आप चालू नहीं हुआ, लेकिन इससे ऑक्सीजन सप्लाई बाधित नहीं हुई.

अधिकारियों के मुताबिक़ ऑक्सीजन की सप्लाई अस्पताल में सेंट्रल लाइन से होती है, जो 24 घंटे चालू रहती है. उनका कहना है कि बिजली जाने से इसका कोई लेना-देना नहीं है. फिर भी जनरेटर बंद रहने और लाइट जाने की घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. प्रशासन का दावा है कि यदि ऑक्सीजन की सप्लाई बंद होती तो अन्य मरीजों पर भी असर पड़ता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. फिलहाल मामले की जांच जारी है.

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