
हमारे रसोईघर में रोज इस्तेमाल होने वाली दही सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद है. हालांकि, दही का लाभ शरीर को तभी मिलता है जब इसे सही समय, सही मात्रा और सही तरीके से खाया जाए. आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों इस बात पर सहमत हैं कि दही को लेकर कुछ जरूरी नियमों का पालन किया जाए तो यह सेहत के लिए अमृत समान है, वरना दही शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकता है.
दही की प्रकृति ठंडी होती है
आयुर्वेद के अनुसार, दही की प्रकृति ठंडी होती है, यानी ये शरीर में ठंडक लाता है. इसी वजह से इसे दिन के समय, खासकर दोपहर के वक्त खाना सबसे फायदेमंद माना गया है. दोपहर में हमारी पाचन शक्ति सबसे अच्छी होती है और शरीर आसानी से दही के पोषक तत्वों को अवशोषित कर लेता है. इस वक्त दही खाने से यह पेट को ठंडक देता है, पाचन को दुरुस्त करता है और शरीर को ऊर्जा भी मिलती है. इसमें मौजूद प्रोबायोटिक आंतों के स्वास्थ्य को सुधारते हैं, जिससे कब्ज और अपच जैसी समस्याएं दूर होती हैं. अगर आप दही में थोड़ा भुना जीरा मिला लें, तो इसका असर और भी बेहतर होता है. ये न सिर्फ स्वाद बढ़ाता है, बल्कि गैस और अपच जैसी समस्याओं में राहत भी देता है.
हड्डियों को मजबूत करतना है दही
दही शरीर को ठंडा रखता है, हड्डियों को मजबूत करता है और त्वचा को भी फायदा पहुंचाता है. यहां तक कि बालों में लगाने पर दही रूसी को कम करने में मदद करता है. वहीं, दही में मौजूद कैल्शियम और प्रोटीन हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाते हैं. साथ ही, यह वजन कम करने में भी सहायक होता है, क्योंकि यह पेट को लंबे समय तक भरा रखता है और ओवरईटिंग से बचाता है.
रात में नहीं खाना चाहिए दही
लेकिन दही को लेकर कुछ जरूरी सावधानियां भी हैं, जिन्हें नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है. सबसे पहली बात, रात में दही नहीं खाना चाहिए. इसकी वजह ये है कि रात के समय शरीर का तापमान कम होता है और दही की ठंडी तासीर शरीर में कफ बढ़ा सकती है. इससे सर्दी, खांसी और साइनस जैसी दिक्कतें हो सकती हैं. खासकर ठंड के मौसम में या अगर किसी को पहले से ही सांस या सर्दी की समस्या है, तो उसे रात के समय दही से परहेज करना चाहिए.
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