Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले शनिवार को भाजपा को बड़ा झटका लगा है. पिछली चुनाव में पार्टी के इकलौते मुस्लिम चेहरा रहे युनूस खान ने भाजपा से बगावत कर दी है. उन्हें भाजपा ने अभी तक घोषित उम्मीदवारों की तीन लिस्ट में टिकट नहीं दिया था. युनूस खान जिस विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते हैं, वहां से भाजपा ने दूसरे उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी है. ऐसे में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के करीबी रहे युनूस खान ने शनिवार को डीडवाना में आम सभा कर भाजपा का दामन छोड़ने का ऐलान कर दिया.
युनूस खान अब डीडवाना सीट से निर्दलीय चुनावी मैदान में होंगे. युनूस खान से निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरने का मतलब है कि अब डीडवाना सीट पर त्रिकोणीय संघर्ष देखने को मिलेगा. यूनुस खान पिछले 25 सालों से डीडवाना के राजनीति में लगातार सक्रिय हैं. वे डीडवाना से दो बार चुनाव जीत चुके हैं, जबकि दो बार उन्हें हार का भी सामना करना पड़ा था. यूनुस खान पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकारों में पावरफुल कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. यूनुस खान की डीडवाना क्षेत्र के लोगों में जबरदस्त पकड़ है.
यूनुस खान भाजपा के इकलौते नेता हैं, जिन्होंने डीडवाना सीट से भाजपा को जीत दिलाई थी. 2003 में यूनुस खान ने पहली बार डीडवाना से भाजपा को जीत दिलाई थी. 2018 में भी यूनुस खान को डीडवाना से टिकट काट दी गई और उन्हें टोंक भेज दिया गया. नतीजा यह हुआ कि टोंक में यूनुस खान को हार का सामना करना पड़ा. वहीं डीडवाना में उतारे गए भाजपा प्रत्याशी जितेंद्र सिंह जोधा को भी 40000 वोटो के अंतर से हार का सामना करना पड़ा.
समर्थकों के बीच लिया पार्टी छोड़ने का फैसला
डीडवाना से टिकट कटने के बाद 2 दिन पूर्व युनूस खान ने एक वीडियो जारी कर अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं को 4 नवंबर को डीडवाना स्थित अपने निवास पर आमंत्रित किया था. जहां उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत के बाद भाजपा छोड़ने का ऐलान किया.
बिगड़ सकता है भाजपा-कांग्रेस का गणित
डीडवाना शहर की चर्चाओं की बात करें तो अगर युनूस खान चुनावी मैदान में उतरते हैं तो इसका नुकसान सीधे तौर पर भाजपा को उठाना पड़ेगा. यह भी चर्चा है कि मुख्य मुकाबला कांग्रेस के प्रत्याशी चेतन डूडी और निर्दलीय प्रत्याशी युनूस खान के बीच में हो सकता है.
डीडवाना में बड़ी संख्या में हैं मुस्लिम मतदाता
डीडवाना विधानसभा क्षेत्र में बड़ी संख्या में मुस्लिम मतदाता निवास करते हैं. जाट मतदाताओं के बाद मुस्लिम मतदाताओं की यहां सर्वाधिक संख्या है, जो सीधे तौर पर चुनाव को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं. युनूस खान का कोर वोट बैंक भी मुस्लिम समाज है, मुस्लिम समाज की अमूमन भाजपा से दूरी रहती है, लेकिन यूनुस खान अपने बल पर मुस्लिम मतदाताओं को भाजपा से जोड़ने में कामयाब रहे थे. लेकिन अब यूनुस खान की टिकट कटने के बाद मुस्लिम मतदाताओं में भी रोष नजर आ रहा है.
यह भी पढ़ें - BJP 3rd List: वसुंधरा के करीबी और भाजपा के इकलौते मुस्लिम चेहरा यूनुस खान का टिकट कटा, इन्हें बनाया प्रत्याशी