
ICC Champions Trophy: पाकिस्तान के लिए इस साल की चैंपियंस ट्रॉफी एक ऐसी प्रतियोगिता बन गई है जिसकी टीस उसे लंबे समय तक सालती रहेगी. पाकिस्तान की क्रिकेट टीम पहले से ही बदइंतज़ामी से जूझ रही थी और टीम का प्रदर्शन चिंता का विषय बना हुआ था. इसी के बीच इस वर्ष पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की चैंपियंस ट्रॉफी प्रतियोगिता की मेज़बानी का मौक़ा मिला. लेकिन, इसमें पाकिस्तान का प्रदर्शन बेहद खराब रहा. और अब ये भी ख़बर आ रही है कि चैंपियंस ट्रॉफी की मेज़बानी से पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को 85 मिलियन डॉलर यानी लगभग 870 करोड़ रुपये का ज़बरदस्त नुक़सान हुआ है.
टेलीग्राफ इंडिया अख़बार में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार , पाकिस्तान ने चैंपियंस ट्रॉफी के लिए अपने तीन आयोजन स्थलों - रावलपिंडी, लाहौर और कराची - के मैदानों को दुरुस्त करने के लिए लगभग 18 अरब पाकिस्तानी रुपये (लगभग 58 मिलियन डॉलर) खर्च किए थे. यह लागत उसके अनुमानित बजट से 50 प्रतिशत अधिक थी.
ख़र्चा बहुत हो गया, कमाई कुछ भी नहीं
इसके अलावा, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने भी तैयारियों पर 40 मिलियन डॉलर खर्च किए. बताया जा रहा है कि पीसीबी को मेज़बानी फीस के तौर पर बदले में सिर्फ़ 6 मिलियन अमरीकी डॉलर मिले थे. लेकिन, उसे इसका कोई फ़ायदा नहीं हुआ. ना तो टिकट बिक्री और ना ही स्पॉन्सरशिप से पाकिस्तान को कोई कमाई हो पाई. टेलीग्राफ की रिपोर्ट का अनुमान है कि आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी की मेज़बानी से पीसीबी को लगभग 85 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ.
इसकी वजह से पाकिस्तान के घरेलू क्रिकेट पर असर पड़ा है. टीम प्रबंधन ने राष्ट्रीय टी-20 चैंपियनशिप के लिए मैच फीस 90 प्रतिशत घटा दी है, जबकि रिजर्व खिलाड़ियों के भुगतान में भी भारी कटौती (87.5%) की गई है.
पाकिस्तान का कमज़ोर प्रदर्शन
पाकिस्तान को चैंपियंस ट्रॉफी में अपने पहले ही ग्रुप मैच में लाहौर में न्यूजीलैंड से हार मिली थी. दूसरे मैच में दुबई में उसे भारत ने हराया. बांग्लादेश के खिलाफ उनका तीसरा और अंतिम ग्रुप मैच बारिश की वजह से रद्द हो गया. न्यूजीलैंड और भारत के खिलाफ हार के कारण पाकिस्तान टूर्नामेंट से बाहर हो गया. इस तरह चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान अपने देश में सिर्फ एक मैच खेल सका.
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