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Cashless Everywhere: हर अस्पताल में मिलेगा 'कैशलेस इलाज', बस इन शर्तों को करना होगा पूरा

हेल्‍थ इंश्‍योरेंस पॉलिसीहोल्‍डर्स को देश के किसी भी हॉस्पिटल में कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी. जनरल इंश्योरेंस काउंसिल ने 'कैशलेस एवरीवेयर' मुहिम की शुरुआत की है.

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Cashless Everywhere: हर अस्पताल में मिलेगा 'कैशलेस इलाज', बस इन शर्तों को करना होगा पूरा
(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Cashless Treatment: इंश्योरेंस क्लेम करने वालों के लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी निकल कर सामने आ रही है. अब किसी पॉलिसी होल्डर को परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अब सभी अस्पताल में कैशलेस की सुविधा मिलने वाली है. पहले अस्पताल तभी सुविधा मुहैया कराता था, जब वह इंश्योरेंस कंपनी के पैनल में होता था. जनरल इंश्योरेंस काउंसिल (GIC) के अनुसार अब जल्द ही यह नियम बदलने वाला है. 

सभी अस्पतालों में कैशलेश इलाज संभव

अभी कोई भी पॉलिसीहोल्डर जब बीमार पड़ता है तो उसके पास ज्यादा रिसर्च करने का समय नहीं होता है. ऐसे में वह अपने नजदीकी अस्पताल का रुख करते हैं. अगर अस्पताल पैनल में नहीं होते तो उन्हें सारे खर्च अपने जेब से करने पड़ते हैं, उन्हें कैशलेस इलाज की सुविधा नहीं मिलती है. बाद में भले ही उसे क्लेम कर सकते हैं.

नई मुहिम की शुरुआत

बता दें कि इस बदले हुए नियम के अनुसार पॉलिसीहोल्डर देश के किसी भी अस्पताल में अपना इलाज कैशलेश तरीके से करवा सकते हैं. जनरल इंश्योरेंस काउंसिल (GIC) ने बुधवार को ऐलान किया कि 'वो एक मुहिम की शुरुआत कर रहे हैं, जिसमें नॉन-एम्पैनल्ड अस्पतालों में भी पॉलिसीहोल्डर्स को कैशलेस हॉस्पिटलाइजेशन की सुविधा मिलेगी'.

'क्लेम प्रक्रिया में होती है देरी'

काउंसिल के चेयरमैन तपन सिंघल का कहना है कि 'अगर कोई पॉलिसीहोल्डर प्री-एग्रीमेंट के बिना अस्पताल चुनता है, तो उसे कैशलेस सुविधा नहीं मिलती है, फिर पॉलिसीहोल्डर को रीम्बर्समेंट के लिए जाना पड़ता है जिससे क्लेम की प्रक्रिया में भी देरी होती है'. उन्होंने कहा कि 'अब ये बीते जमाने की बात होगी, इस मुहिम का मकसद पॉलिसीहोल्डर्स के बोझ को कम करना है, जो इंश्योरेंस कंपनियों के नेटवर्क वाले अस्पतालों में इलाज करवाते हैं.'

'बिना पैनल वाले अस्पताल में भी नही देने होंगे पैसे'

तपन सिंघल ने बताया कि मौजूदा वक्त में कैशलेस सुविधाएं केवल लगभग 40,000 लिस्टेड अस्पतालों में ही मिलती है. 15 बिस्तरों वाले और क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत अपने राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ रजिस्टर्ड अस्पताल अब कैशलेस अस्पताल में भर्ती की पेशकश कर सकते हैं. काउंसिल के मुताबिक बिना पैनल वाले अस्पताल में भर्ती होने पर पॉलिसीहोल्डर्स को इलाज के लिए अपनी जेब से पैसा भरने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि ये खर्चे उनकी बीमा कंपनियां उठाएंगी.

जानें क्या है शर्तें

GIC की ओर से शुरू की गई 'Cashless Everywhere' मुहिम के तहत पॉलिसीहोल्डर्स कुछ शर्तों के साथ अपने मन पसंद अस्पताल में इलाज करा सकते हैं. जानें क्या हैं शर्तें

कैशलेश करने के लिए शर्त यह होगी कि पॉलिसीहोल्डर्स को बिना पैनल वाले अस्पताल में भर्ती होने से 48 घंटे पहले इंश्योरेंस कंपनी को इसकी सूचना देनी होगी. अगर मरीज अस्पताल में भर्ती हो गया है तो उसके 48 घंटे के भीतर इंश्योरेंस कंपनी को सूचित करने का विकल्प भी होगा.

बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस के CEO तपन सिंघल ने कहा कि 'पॉलिसीहोल्डर्स के जीवन को आसान बनाने के लिए और उन्हें लाभ पहुंचाने वाले पॉजिटिव बदलाव लाने के लिए काउंसिल लगातार कोशिशें कर रहा है.'

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