सर्दियों की शुरुआत होते ही गजक की मांग बढ़ जाती है, लेकिन राजस्थान के करौली (Karauli) की 'कुटेमा गजक' (Kutema Gajak) का स्वाद सबसे जुदा है। करौली के 'मौला गजक भंडार' (Maula Gajak Bhandar) की यह गजक पिछले 100 सालों से लोगों का दिल जीत रही है। इस गजक की खासियत यह है कि इसे मशीनों से नहीं, बल्कि पारंपरिक तरीके से हाथों से कूटकर बनाया जाता है। यह इतनी खस्ता और मुलायम होती है कि मुंह में रखते ही घुल जाती है। यही वजह है कि करौली की यह गजक सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी और सऊदी अरब जैसे देशों में भी भेजी जाती है।